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दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बरकरार, बाढ़ का अलर्ट

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। अधिकारियों...
दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बरकरार, बाढ़ का अलर्ट

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.45 मीटर दर्ज किया गया। खतरे का निशान 205.22 मीटर पर है।

अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर सुबह से ही तेजी से बढ़ रहा है और यह लगातार दूसरे दिन चेतावनी स्तर से ऊपर बना रहा।

केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार शाम को ही चेतावनी जारी कर दी थी कि बुधवार शाम तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। आयोग ने प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सतर्क रहने, नदी किनारे बसे लोगों को पहले से अलर्ट करने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।

जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर 204.61 मीटर था, जैसे-जैसे दिन बढ़ा, पानी का स्तर भी ऊपर चढ़ता गया और रात तक खतरे के निशान को पार कर गया।

बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है तो नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया जाएगा।

केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि पानी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा ज्यादा पानी है। फिलहाल वजीराबाद से हर घंटे करीब 41,206 क्यूसेक और हथिनीकुंड से लगभग 55,830 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आमतौर पर बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली तक पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है।

अधिकारियों का कहना है कि ऊपरी इलाकों से फिलहाल पहले से कम पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन फिर भी यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में अगले 24 से 48 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं।

पुराना रेलवे पुल इस पूरे हालात पर नजर रखने का अहम पॉइंट है, क्योंकि यहीं से नदी के बहाव और बाढ़ की आशंका का सही अनुमान लगाया जाता है।

 

 

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