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कुलदीप सेंगर की साथी बरी होने से पीड़िता की मां नाराज, बोली-इसी महिला ने बेटी को दिया धोखा

उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां ने बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ सह अभियुक्त शशि...
कुलदीप सेंगर की साथी बरी होने से पीड़िता की मां नाराज, बोली-इसी महिला ने बेटी को दिया धोखा

उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां ने बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ सह अभियुक्त शशि सिंह के बरी हो जाने पर नाराजगी जताई है। कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में नाबालिग के साथ बलात्कार किया था। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने कल कुलदीप सिंह सेंगर को तो दोषी ठहराया था लेकिन सह अभियुक्त रही शशि सिंह को बरी कर दिया था। परिवार का दावा है कि शशि सिंह ही वह महिला थी जो नौकरी के लिए लड़की को कुलदीप सिंह सेंगर के पास लेकर गई थी। कल अदालत ने सेंगर को 2017 में उन्नाव की नाबालिग के साथ बलात्कार के लिए दोषी ठहराते हुए कहा था कि एक ‘शक्तिशाली व्यक्ति’ के खिलाफ पीड़िता की गवाही ‘सच्ची और बेदाग’ थी।

सह अभियुक्त के बरी होने पर उठाए सवाल

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, पीड़िता की मां ने कहा, “शशि सिंह को बरी क्यों किया गया। वह वही महिला है, जिसने मेरी बेटी को धोखा दिया था और उसे नौकरी देने के बहाने कुलदीप सेंगर के पास ले गई थी।” उन्होंने कहा कि बेटी के चाचा अभी तक जेल में हैं। “जब तक वो जेल से बाहर नहीं आ जाते, मुझे न्याय नहीं मिलेगा।”

अभी भी डरा हुआ है परिवार

पीड़िता की मां का कहना है कि वह मीडिया की वजह से इस जीत को हासिल कर पाई हैं। वह कहती हैं, “मैं अभी भी डरी हुई हूं और मुझे रायबरेली जैसे खतरे की आशंका है। जब सेंगर जेल में रहते हुए एक्सीडेंट करा सकता है तो वो कुछ भी कर सकता है।” मालूम हो कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता गवाही के लिए जब अदालत जा रही थी तो बिना नंबर के एक ट्रक ने पीड़िता की गाड़ी को टक्कर मार दी थी, जिसमें लड़की की दो चाचियों की मौत हो गई थी और लड़की बुरी तरह घायल हो गई थी। पीड़िता की मां ने सेंगर के लिए फांसी की सजा की मांग की है।

सजा की अवधि पर अभी नहीं हुआ फैसला

इस बीच दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को सेंगर के खिलाफ सजा की अवधि के आदेश पर सुनवाई 20 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है।

सीबीआई ने यह कहते हुए सेंगर के लिए अधिकत सजा की मांग की है कि सिस्टम के खिलाफ यह एक व्यक्ति की न्याय के लिए लड़ाई थी।

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