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उप्र: फसली ऋण माफी योजना की खुली कलई, माफ हो रहे हैं 10 रूपये या इससे भी कम राशि

विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार कम धन राशि माफ कर के किसानों की संख्या बढ़ा कर दिखाने का काम कर रही है।
उप्र: फसली ऋण माफी योजना की खुली कलई, माफ हो रहे हैं 10 रूपये या इससे भी कम राशि

योगी आदित्यनाथ सरकार की अब तक की सबसे बड़ी योजना, फसली ऋण माफ़ी में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जहां फसली ऋण योजना के लिए राज्य बजट में Rs 36,000 करोड़ से भी अधिक का प्रावधान किया गया है, प्रदेश सरकार इस योजना के बहाने अपने को किसान हितैषी सत्ता के रूप में प्रसारित कर रही है। पर अब सामने आ रहा है कि जिन किसानों को अब तक ऋण माफी प्रमाणपत्र दिए गए हैं, उनमे कई किसानों को काफी कम रकम दी गयी है। कुछ किसानों के ऋण माफ राशि Rs 10 या इससे भी कम है।

सरकार ने इस बाबत अपना पक्ष रखा है कि पात्र किसानों के ऋण खातों में न केवल ऋण की धनराशि मोचित की गई है, बल्कि ऋणी किसानों द्वारा ऋण के प्रतिभुगतान की गई धनराशि को घटाने के उपरान्त, आगणित अवशेष ब्याज का भी 1 लाख की सीमा तक मोचन फसल ऋण योजना में निर्धारित मानदण्डों के अनुसार किया गया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों ऋण मोचन प्रमाण पत्र कैम्प आयोजित कर योजना के प्रथम चरण में कुल Rs 7,371 करोड़ की धनराशि करीब 12 लाख किसानों के ऋण खातों में अन्तरित हो चुकी है। जिन किसानों के ऋण माफ़ी की राशि Rs 1 से Rs 10 तक है, उन किसानों की संख्या अब तक 4,814 है। उसी प्रकार Rs 100 से Rs 500 तक की ऋण माफी के अंतर्गत करीब 7,000 किसान हैं।

कुछ इस तरह है आंकड़ें

500 से 1000 तक 5,553 किसान

1000 से 10,000 तक 41,690 किसान

10,000 से अधिक 11,27,890 किसान

 

विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार कम धन राशि माफ कर के किसानों की संख्या बढ़ा कर दिखाने का काम कर रही है, वहीँ सरकार नें कहा है कि कतिपय जनपदों में आयोजित कैम्पों में अत्यधिक कम धनराशि के ऋण-मोचन प्रमाण पत्रों के वितरण के सम्बन्ध में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है।

योगी सरकार नें वर्ष 2015-16 में छोटे और मझोले किसानों द्वारा लिए गए फसली ऋण को एक लाख रूपए तक की सीमा तक माफ करने का फैसला अपनी पहली ही मंत्रिमंडलीय बैठक में 4 अप्रैल, 2017 को ले लिया था। इस योजना में सरकार ने पुराने फसली ऋण सम्बन्धी NPA को भी शामिल किया था।

जहां फसली ऋण माफी में सरकार ने करीब 30,729 करोड़ रूपए माफ करने का अनुमान लगाया था, वहीँ पुराने कृषि क्षेत्र के NPA में राहत प्रदान करने हेतु 7 लाख किसानों का करीब 5,630 करोड़ रुपए की मदन देने का अनुमान था। दोनों मदों में राज्य सरकार के खजाने से करीब 36,729 करोड़ रूपए की मदद की योजना है, जिससे प्रदेश के 86 लाख छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।

उत्तर प्रदेश में कुल किसानों की संख्या करीब 2.33 करोड़ है, जिसमे 92 प्रतिशत से अधिक या 2.15 करोड़ छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनकी जोत 5 एकड़ से कम है। उत्तर प्रदेश में सीमांत किसानों की संख्या करीब 1.85 करोड़ है।

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