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उत्तर प्रदेश कांग्रेस नई मुसीबत में

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में जब कि 2017 के चुनावों में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और उसकी प्रदेश विधान सभा में कुल सीटें 28 से घटकर 7 रह गईं, अब कांग्रेस के राज्य मुख्यालय की ज़मीन का विवाद सामने आया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नई मुसीबत में

लखनऊ के एक परिवार नें मुख्यालय की जमीन पर मालिकाना हक का दावा ठोक दिया है। इस परिवार के सदस्य मनीष अग्रवाल ने दावा दिया है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति का दफ्तर जिस भूमि पर स्थित है, वह उनकी संपत्ति है, जिसे उनके परदादा रोशन लाल ने एक नीलामी में 1.75 लाख रुपये में खरीदा था। उन्होंने लखनऊ नगर निगम में इस संपत्ति को अपने परिवार के नाम पर हस्तांतरित करने हेतु आवेदन किया है।

इस आवेदन के चलते अब नगर निगम नें कांग्रेस पार्टी कार्यालय को स्वामित्व वाले दस्तावेज़ जमा करने हेतु एक सप्ताह का समय दिया है। मौजूदा समय में ये संपत्ति लखनऊ नगर निगम के अभलेखों में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मोहसिना किदवई के नाम से दर्ज है। परन्तु, वो अभिलेख जिसके अनुसार किदवई का नाम दर्ज हुआ, निगम के पास मौजूद नहीं है, क्योंकि 1976 में ये संपत्ति रामस्वरूप अग्रवाल और पद्मावती अग्रवाल के नाम पर दर्ज थी। साल 1986 के बाद गृहकर के अभिलेखों में ये संपत्ति care of (c/o) मोहसिना किदवई के नाम पर दर्ज हो गई थी, अब इसकी जांच चल रही है।

इधर, कांग्रेस नेता जीशान हैदर ने कहा कि पार्टी के पास इस संपत्ति के स्वामित्व के सारे दस्तावेज़ मौजूद हैं, और समय रहते सारे दस्तावेज निगम को सौंप दिए जाएंगे। उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया करार दिया है। अब यह देखना है कि कांग्रेस इस नई मुसीबत से कैसे बाहर आती है।

 

 

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