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किसानों का शोषण करने वाले बहा रहे घड़ियाली आंसू: योगी आदित्यनाथ

दिल्ली बॉर्डर पर रोके गए 'किसान क्रांति मार्च' पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि...
किसानों का शोषण करने वाले बहा रहे घड़ियाली आंसू: योगी आदित्यनाथ

दिल्ली बॉर्डर पर रोके गए 'किसान क्रांति मार्च' पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद से किसानों के लिए जितना केंद्र और राज्य सरकार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया। किसानों का शोषण करने वाले घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता जिन्होंने खेती-किसानी नहीं देखी है, जिन्हें आलू और गन्ने का भेद नहीं पता वह किसानों के हित संरक्षण की बात कर रहे हैं। वह केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी कर रहे हैं। उनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।

यह बातें उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि हमने वेस्ट यूपी में किसान यात्रा की जानकारी होने पर तीन दिन से दो मंत्री भेजे हैं। उनके कई मुद्दों का पहले ही समाधान कर चुके हैं। छुट्टा पशुओं की समस्या को देखते हुए गोशालाओं के निर्माण के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए हर जिले को दिए गए हैं। शेल्टर होम के लिए 17 में से 16 नगर निगमों को 10-10 करोड़ रुपए दिए हैं। मनरेगा को कृषि के साथ जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्रियों की एक कमेटी बनाई है। जल्द ही इसकी भी रिपोर्ट आने वाली है। 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टर के मामले में किसानों को राहत दिलाने के लिए एनजीटी में याचिका दाखिल की जाएगी। केंद्र ने आवारा पशुओं से होने वाले फसलों के नुकसान को देखते हुए एक समिति की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि ‘कल दिल्ली से जब मैं लौट रहा था, तब गाजियाबाद में जाम की स्थिति देखकर मैंने पूछा जाम क्यों है, तो लोगों ने बताया कि किसानों को जहां रुकने की व्यवस्था की गई थी, वह वहां ठहरने के बजाय बाजार में आ गए हैं। फिर मैंने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और तीन घंटे मेरी उनसे बात चली। अच्छे और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मेरी उनसे बात हुई। मुख्य सचिव और डीजीपी समेत तमाम अधिकारी सोमवार रात ढाई बजे तक पल-पल की जानकारी लेते रहे। आज फिर सुबह 11 बजे से बैठक का दौर शुरू हुआ है। सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है, लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो उपद्रव में विश्वास रखते हैं उनके लिए सख्ती जरूरी है। किसानों पर लाठीचार्ज पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कानून किसी को हाथ में लेने का अधिकारी नहीं। बिजनौर से गाजियाबाद तक यात्रा बिलकुल शांतिपूर्ण रही। यूपी में किसानों के साथ कोई घटना नहीं हुई। किसान हमारी पहली प्राथमिकता था, है और रहेगा।

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