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उत्तराखंड में टीचर के हंगामे पर बोले हरीश रावत, किसी ने एक विधवा शिक्षिका की बात तक नहीं सुनी

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने तबादले की फरियाद लेकर पहुंची एक...
उत्तराखंड में टीचर के हंगामे पर बोले हरीश रावत, किसी ने एक विधवा शिक्षिका की बात तक नहीं सुनी

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने तबादले की फरियाद लेकर पहुंची एक शिक्षिका और सीएम के बीच जमकर नोकझोंक हुई। उत्तरकाशी जिले में तैनात शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा सीएम के सामने तबादले की फरियाद लगाते समय अचानक भड़क उठीं। जिसके बाद सीएम ने शिक्षिका को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले।

सीएम रावत के इस व्यवहार पर कांग्रेस ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के व्यवहार पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और महिला टीचर का निलंबन वापस लेने की मांग की। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, 'हमारा सिस्टम असंवेदनशील हो चुका है। एक विधवा महिला का ट्रांसफर दूर-दराज के इलाके में किया जा रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं सीएम से कहूंगा की वह पुलिस को आदेश दें की महिला को रिलीज किया जाए और निलंबन वापस लिया जाए।'

ये है पूरा मामला-

स्कूल की शिक्षा सचिव ने दी ये सफाई

जनता दरबार में महिला शिक्षिका द्वारा अपशब्दों के इस्तेमाल को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिक्षिका को संस्पेंड कर दिया है। वहीं, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा की सचिव भूपिंदर कौर ओलख ने तर्क दिया कि उन्हें इसलिए निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उसने एक शिक्षक के रुप में शिष्टाचार के नियमों का उल्लंघन किया है। इसकी जांच की जाएगी। हम उन्हें भी सुनेंगे और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

 

ओलख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उनका केवल जिले के भीतर ही स्थानांतरण किया जा सकता है। उनकी मांग है कि अंतर जिला स्थानांतरण के तहत उनका देहरादून में तबादला किया जाए, लेकिन इस समय अधिनियम में यह अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि दूरदराज के इलाकों में 58 से ज्यादा लोग उससे अधिक अवधि के लिए तैनात हैं। उनका नंबर 59 वां है। स्थानांतरण केवल बारी-बारी से किया जाता है।

सीएम ने दिए सस्पेंड करने के साथ हिरासत में लेने के आदेश

सीएम रावत के जनता दरबार में हुई नोंक-झोंक का वीडियो भी सामने आया जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह तबादले के मामले में तत्काल कोई कार्रवाई न होने से बिफरी शिक्षिका ने सीएम के लिए सरेआम अपशब्द कहे। इस पर सीएम रावत में भड़क उठे और उन्होंने शिक्षिका को सस्पेंड करने के साथ हिरासत में लेने के आदेश भी दे डाले।

अपने तबादले को लेकर सीएम के जनता दरबाग में पहुंची शिक्षिका

जानकारी के अनुसार, शिक्षिका यहां देहरादून में ही रह रही है। उनका एक पुत्र और एक पुत्री हैं। गुरुवार को सीएम रावत अपने सरकारी आवास पर जनता मिलन हॉल में लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुन रहे थे। तभी शिक्षिका उत्तरा पंत तबादले संबंधी अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से मिलीं। बताया जा रहा है कि शिक्षिका अपना तबादला उत्तरकाशी से देहरादून करने की मांग को लेकर सीएम से मिलने पहुंची थीं।

महिला शिक्षक के बिफरने पर जब भड़क उठे सीएम

जनता दरबार में शिक्षिका ने सीएम के समक्ष अपनी बात रखी और उसके जवाब में सीएम ने भी शालीनता के साथ उसके जवाब दिए। इसी बीच अचानक शिक्षिका अचानक जोर-जोर से बोलने लगी। इस पर मुख्यमंत्री रावत भी अपना आपा खो बैठे और शिक्षिका को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। इसके बाद महिला ने सीएम के लिए अपशब्द बोलना शुरू कर दिया, जिस पर सीएम ने खुद पुलिस को निर्देश दिए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।

यहां देखें वीडियो-

गौरतलब है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा पिछली कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष भी हंगामा कर चुकी हैं। करीब 57 वर्षीय उत्तरा पंत बहुगुणा, मधुरिमा तुली की मां और पर्वतारोही विजया पंत तुली की छोटी बहन हैं।

 

ली शिक्षा सचिव ने दी ये सफाई

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