पश्चिम बंगाल में जिस तरह से माकपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर विरोध-प्रदर्शन और रैलियां कर रहे हैं उससे इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान होना बाकी रह गया नजर आ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने माकपा की तर्ज पर चलते हुए हाल में एक बयान जारी कर तृणमूल कांग्रेस को हराने और भाजपा को अलग-थलग करने के लिए सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष दलों से एकजुट होने को कहा था। माकपा भी यही आह्वान कर चुकी है।
हालांकि तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी अपना मन नहीं बनाया है। बंधोपाध्याय ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें बताया कि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी तथा माकपा नीत वाम मोर्चा के बीच संभावित गठबंधन की अब तक कोई खबर नहीं है। तृणमूल ने यह कहते हुए प्रस्तावित गठबंधन को कोई महत्व देने से इनकार कर दिया है कि इससे तृणमूल कांग्रेस की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं वाम और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गठबंधन का मजाक उड़ाने के लिए तृणमूल की ओर से बार-बार आ रहे बयान और टिप्पणियां उसकी घबराहट का संकेत हैं। चौधरी ने कहा, कांग्रेस और माकपा के बीच गठबंधन से तृणमूल कांग्रेस इतनी क्यों डरी है। यदि उन्हें गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़ता तो वे इतने बयान क्यों दे रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व को उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान जल्द से जल्द अंतिम फैसले की घोषणा करेगा।
तृणमूल प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, मैंने सुना है कि माकपा और कांग्रेस गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं चाहती हूं कि यह गठबंधन औपचारिक रूप से हो। लोग आपको मुंहतोड़ जवाब देंगे। माकपा और कांग्रेस ने संयुक्त रैलियों के अलावा पिछले महीने राज्यभर में कई संयुक्त कार्यक्रम किए हैं। रैलियों या विरोध प्रदर्शनों में दोनों ही दल मिलकर शिरकत कर रहे हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    