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अबकी बार आईफा अवॉर्ड शो मध्यप्रदेश में, पहला टिकट कमलनाथ ने खरीदा

इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी (आईआईएफए) का अवॉर्ड शो 'आईफा वीकेंड एंड अवार्ड्स 2020" का 21वां संस्करण...
अबकी बार आईफा अवॉर्ड शो मध्यप्रदेश में, पहला टिकट कमलनाथ ने खरीदा

इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी (आईआईएफए) का अवॉर्ड शो 'आईफा वीकेंड एंड अवार्ड्स 2020" का 21वां संस्करण मध्यप्रदेश के  इंदौर में  27, 28 और 29 मार्च को डेली कॉलेज में होगा, जबकि आईफा से जुड़ा एक कार्यक्रम भोपाल के मिंटो कन्वेंशन हॉल में 21 मार्च को होगा। फिल्म जगत के इस मशहूर  अवार्ड शो को अभिनेता सलमान खान और रितेश देशमुख होस्ट करेंगे। समारोह के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्रियां जैकलिन फर्नांडीज, कैटरीना कैफ परफार्म करेंगी। कमलनाथ ने इस आयोजन का पहला टिकट भी खरीदा।

आईफा अवॉर्ड शो की घोषणा सोमवार को मिंटो हॉल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिल्म अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की मौजूदगी में की। जल्द ही इसके टिकट मिलने शुरू हो जाएंगे। यह दूसरा मौका है जब भारत में इस अवार्ड शो का आयोजन होगा। इसके पूर्व यह 2019 में पहली बार मुंबई में आयोजित हुआ था।

आदिवासी और गरीबों का सम्मान हैः कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आईफा ने मध्यप्रदेश को चुनकर सही पहचान की है। हम चाहते हैं कि मप्र की दुनियाभर में पहचान बने, इसलिए शो इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। हमारे पास समुद्र नहीं है, बर्फ नहीं है पर जंगल हैं,  हैरिटेज हैं और खूबसूरत धरती है। सबसे खास कि हमारे पास भोले-भाले लोग हैं। यह समारोह यहां के आदिवासी और गरीबों का सम्मान है। आज की युवा पीढ़ी और बुजुर्गों में काफी अंतर है। प्रदेश का युवा हाईटेक है। वह रोजगार और बिजनेस चाहता है। आईफा से राज्य की विश्व स्तरीय पहचान बनेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

इसी मिट्टी का हूं मैं, यही से जुड़े हैं संस्कार: सलमान

प्रेस कॉफ्रेंस में सलमान खान ने कहा कि मैं पुश्तैनी मध्यप्रदेश का निवासी हूं। यहां से मेरी छह पीढ़ियों की यादें जुड़ी हैं। आजीविका के लिए हमारा परिवार मुंबई चला गया था। मध्यप्रदेश में खासतौर से अपने शहर इंदौर से मुझे बहुत लगाव है। मेरा बचपन इंदौर में बीता। बचपन की यादें आज भी ताजा हैं। इंदौर-भोपाल में आइफा अवार्ड को होस्ट करना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं इसी मिट्टी की देन हूं और मेरे संस्कार यहीं पले-बढ़े हैं।

सरकार की वादाखिलाफी का जश्न है: गोपाल भार्गव

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर अनुसूचित जाति-आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं, किसान कर्जमाफी के इंतजार में आत्महत्या कर रहे हैं। बेरोजगार युवा हताशा और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। कन्याएं अपनी गृहस्थी बसाने के लिए उपहार राशि का इंतजार कर रही हैं। संबल योजना के हितग्राही सहायता की आशा में रोज बैंकों से खाली हाथ लौट रहे हैं। खाली खजाने का हवाला देकर कांग्रेस सरकार गरीबों की योजनाओं को बंद कर रही है।

वहीं दूसरी ओर आईफा अवार्ड के नाम पर सरकार अपनी वाहवाही में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यह आईफा अवार्ड प्रदेश की जनता के पैसों से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादाखिलाफी और  आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों का जश्न है। उन्होंने कहा कि गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगेगी। प्रदेश की जनता हलाकान और नाचने गाने वाले सरकारी मेहमान बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को आईफा अवार्ड जैसे नाच गाने का शौक है तो बड़े शहरों में जाकर अपने पैसों से अपने शौक पूरे करे। जनता की गाढ़ी कमाई ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है। इसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

आयोजन प्रदेश के लिए गौरव की बात: सलूजा

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि आईफा आयोजन मप्र के लिए गौरव की बात है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की ब्रांडिंग होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश भी आएगा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सिर्फ राजनीतिक आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं। इसे नाचने-गाने वाला बताकर कार्यक्रम में आने वाले हजारों लोगों का अपमान कर रहे हैं। सलूजा ने कहा कि भार्गव को खुश होना चाहिए कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक साल के कार्यकाल में ही प्रदेश की ख्याति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। उनकी इच्छाशक्ति और विजन का ही परिणाम है कि इतना बड़ा आयोजन मप्र की धरती पर हो रहा है।

ग्लैमर वाली सरकारः विश्वास सारंग

भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि कांग्रेस सरकार उन लोगों के हाथ है, जिन्होंने केवल और केवल ग्लैमर देखा है। यह ग्लैमर की राजनीति करने वाली सरकार है। प्रदेश में किसान बदहाल है, युवा बेरोजगार है, उसे बेरोजगारी भत्ता नही मिला। कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट है। हम आइफा अवार्ड का विरोध नही करते, लेकिन पहले सरकार प्रदेश की स्थिति देखती। वहीं, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि हुजूर, आपका हाथ तो अतिथि विद्वानों, कर्ज के बोझ तले दबे गरीब किसान, बेरोजगार नौजवान के सिर पर होना चाहिए था। करोड़ों रुपए आप आइफा अवॉर्ड पर खर्च कर रहे हैं। जब आपके पास पैसा होता, तब खर्च कर लेते। अभी क्या आवश्यकता थी। या तो खाली खजाने की बात कहना बंद करें या तो पैसे की ऐसी बर्बादी बंद करें।

भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आईफा 2020 में मप्र की कांग्रेस सरकार जनता के खजाने के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं अतिथि विद्वानों को नौकरी से निकाला जा रहा है। वे 55 दिनों कड़कड़ाती ठंड में धरने पर बैठे हैं। यह आईफा व्यापारी मित्रों के हित साधने में हो रहा है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठ रहे हैं। ये सरकार करोड़ों खर्च कर आईफा अवार्ड आयोजित कर सकती है, लेकिन जनकल्याण और विकास पर नहीं।

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