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19 लाख लोग कैसे साबित कर पाएंगे भारत की नागरिकता, एनआरसी पर अब ये हैं विकल्प

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट आज जारी कर दी गई है। एनआरसी की सूची में 3...
19 लाख लोग कैसे साबित कर पाएंगे भारत की नागरिकता, एनआरसी पर अब ये हैं विकल्प

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट आज जारी कर दी गई है। एनआरसी की सूची में 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को शामिल किया गया है जबकि सूची से 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को बाहर रखा गया है। इस लिस्ट के जारी होने के बाद सवाल ये उठता है कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट से बाहर होने वाले करीब 19 लाख लोग कैसे खुद को भारत का नागरिक साबित कर पाएंगे।

एनआरसी के स्टेरट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हलेजा ने लिस्ट जारी किए जाने के दौरान कहा कि जो लोग छूट गए हैं या जिनके नाम शामिल नहीं हैं, उन्हें  चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे नागरिकता को लेकर फॉरेनर ट्रिब्यूगनल के समक्ष अपील करके नाम शामिल करने का दावा कर सकते हैं। आइए जानते हैं जिनके नाम लिस्‍ट में शामिल नहीं हो पाए हैं उनके सामने क्‍या विकल्‍प मौजूद हैं।

एनआरसी लिस्ट से बाहर होने वालों के पास अब ये विकल्प

दरअसल, इस लिस्ट से जो लोग बाहर हो गए हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि एनआरसी में जगह नहीं पाने का मतलब यह नहीं कि ऐसे लोगों को विदेशी घोषित कर दिया जाएगा। जिन लोगों के नाम छूट गए हैं या शामिल नहीं हो पाए हैं, उन्‍हें फॉरेन ट्राइब्यूनल के समक्ष अपील करनी होगी। इसके लिए उनके पास 120 दिन का समय होगा। पिछले दिनों ही फॉरेन ट्राइब्यूनल्स में अपील करने की समय सीमा 60 से बढ़ाकर 120 की गई। सरकार द्वारा निर्धारित नई समय सीमा के मुताबिक, लोग इस साल 31 दिसंबर तक अपील दाखिल कर सकते हैं।

फॉरेन ट्राइब्यूनल्स को नागरिकता से जुड़े मसलों की सुनवाई का अधिकार

बता दें कि फॉरेन ट्राइब्यूनल्स अर्ध न्यायिक संस्थाएं है। इन्‍हें नागरिकता से जुड़े मसलों की सुनवाई का अधिकार है। यदि किसी व्‍यक्ति का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है तो वह यहां अपील कर सकता है। नागरिकता को लेकर ट्राइब्यूनल का आदेश मान्य होगा।

कानूनी सहायता प्रदान करेगी सरकार, हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट की भी है रास्ता

सरकार, जिला विधिक सेवा प्राधिकारियों के माध्यम से उन जरूरतमंदों को कानूनी सहायता प्रदान करेगी जो एनआरसी से बाहर हो गए हैं। इसके साथ ही ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए 1000 ट्रिब्यूनल बनाए हैं जो इनकी सुनवाई करेगा। इसके बावजूद ट्राइब्यूनल में केस हारने पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का भी रास्ता है।

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