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बीरभूम हिंसा: दोषियों को मिलेगी कड़ी से कड़ी सजा, पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बीरभूम जिले के बोगटुई गांव के दौरे पर पहुंचीं। इस दौरान...
बीरभूम हिंसा: दोषियों को मिलेगी कड़ी से कड़ी सजा, पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बीरभूम जिले के बोगटुई गांव के दौरे पर पहुंचीं। इस दौरान ममता ने कहा कि जो भी जिम्मेदार हैं, उनकी गिरफ्तारी चाहती हूं। उन्होंने कहा कि रामपुरहाट हिंसा मामले के संदिग्धों के आत्मसमर्पण ना करने पर भी उन्हें पकड़ा जाएगा। दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करेगी।

ममता बनर्जी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से बड़ी लापरवाही हुई है, टीएमसी नेता की हत्या के बाद पुलिस को अलर्ट होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो भी इसके पीछे है उन्हें सख्त सजा मिलेगी। मृतक के परिवार को 5 लाख, जिनके घर जले हैं उन्हें घरों की मरम्मत के लिए दो लाख रुपये और घर चलाने के लिए 10 लोगों को नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि घायलों में से प्रत्येक को 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।

ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों से कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपने अपने परिवार के सदस्य को खोया है, मेरे दिल को इससे काफी ठेस पहुंची है।

पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंची पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पुलिस पूरे बंगाल में अवैध हथियारों, बमों के गुप्त जखीरों का पता लगा रही है।

बता दें कि बोगटुई गांव में मंगलवार को कथित तौर पर कुछ मकानों में आग लगा दी गई थी, जिसमें आठ लोगों की जल कर मौत हो गई थी।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के बोगटुई गांव में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जहां इस सप्ताह की शुरुआत में तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी और पार्टी के अन्य सदस्यों को बीरभूम जिले में स्थित गांव के पास श्रीनिकेतन मोड़ पर रोक दिया गया, जिसके बाद वे सड़क पर बैठ गए। उन्होंने मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने और मृतकों के परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए।

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