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एकजुट होने के बजाए चुनाव से छह महीने पहले ही आपस में कपड़े फाड़ रहे हैं कांग्रेसी

रामगोपाल जाट। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब महज 6 माह का समय शेष रह गया है। इस बीच कांग्रेस को...
एकजुट होने के बजाए चुनाव से छह महीने पहले ही आपस में कपड़े फाड़ रहे हैं कांग्रेसी

रामगोपाल जाट।

राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब महज 6 माह का समय शेष रह गया है। इस बीच कांग्रेस को सत्ता में लौटने के लिए जहां एकजुट होकर सत्तारूढ़ बीजेपी से मुकाबला करने की जरूरत है, किंतु खुद कांग्रेस के पदाधिकारी-कार्यकर्ता ही आपस में कपड़े फाड़ रहे हैं। पीसीसी चीफ सचिन पायलट जहां कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस संगठन को एकजुट व मजबूत करने में जुटे हुए हैं, वहीं पार्टी के पदाधिकारी और टिकटों के दावेदार आपस में ही भिड़ रहे हैं।

ताजा मामला जयपुर में घटित दो घटनाओं से साफ हो जाता है। राजधानी जयपुर के बीचोंबीच किशनपोल में पेट्रोल-डीजल के महंगा होने के विरोध स्वरूप पीएम मोदी का पुतला दहन कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें अनदेखी के चलते शहर की पूर्व मेयर ज्योति खंड़ेलवाल तब भड़कीं, जब उनके पहुंचने से पहले ही कांग्रेस के  नेता और पूर्व शहर अध्यक्ष सलीम कागजी के बेटे अमीन कागजी के नेतृत्व में पीएम मोदी का पुतला फूंक दिया गया है।

इस घटना पर ज्योति खंडेलवाल को इतना गुस्सा आया कि कागजी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ मारपीट तक पहुंच गई। आखिर गाली-गालौच और बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ। अमीन कागजी ने ज्योति खंडेलवाल को शांत करने के लिए कहा कि एक बार फिर से मोदी का पुतला फूंक देते हैं, तो वह और भड़क गईं। काफी देर तक तमाशा चलता रहा, अंतत: पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों द्वारा ज्योति खंडेलवाल को शांत कर मामला ठंडा किया गया। किशनपोल की सीट पर ज्योति खंडेलवाल और अमीन कागजी दावेदारी जता रहे हैं। ऐेसे माना जा रहा है कि खंड़ेलवाल को समय पर नहीं बुलाने पर वह भड़कीं थीं।

राष्ट्रीय प्रवक्ता के फाड़ दिए कपड़े

इधर, कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को शुरू किया गया 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' अभियान के तहत जयपुर के ही शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य घटना घटित हुई। जहां पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ गए। यहां पर गुजरात की पूर्व राज्यपाल आलोक बेनीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप चौधरी के साथ समर्थकों के बीच विवाद हो गया। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि यहां पर अगले विधानसभा चुनाव को लेकर रस्सा-कस्सी चल रही है। इस कार्यक्रम में न केवल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने संदीप चौधरी से मारपीट की, बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ डाले। प्रदेशभर में "मेरा बूथ मेरा गौरव" कार्यक्रम के क्रम में यहां पर भी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शाहपुरा में आयोजित यह कार्यक्रम कांग्रेस के लिए गौरव की शर्मिंदगी का कारण बन गया।

यह है असल कारण

दरअसल, यहां पर कार्यक्रम के दौरान ही कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में इसलिए उलझ गए, क्योंकि यह वह सीट है, जहां पर संदीप चौधरी और आलोक बेनीवाल विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। यहां से दो बार एमएलए के चुनाव लड़ चुके आलोक बेनीवाल के समर्थकों ने संदीप चौधरी के साथ मारपीट की। हालांकि, बेनीवाल ने इससे साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने आज तक किसी को गाली भी नहीं दी, मारपीट करना तो दूर, मैंने तो जब विवाद बढ़ा तो कार्यकर्ताओं को शांत रहने की अपील भी की।

'मेरा बूथ, मेरा गौरव' अभियान में इस घटना की शुरुआत बहस से हुई, बाद में विवाद बढ़ता गया और आखिर बात मारपीट व लात-घूसों तक पहुंच गया। भीड़ के बीच स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पार्टी के संदीप चौधरी को भी कार्यकर्ताओं ने नहीं छोड़ा, उनके पकड़े फाड़ डाले। संदीप चौधरी ने कहा है कि उन्होंने इसकी शिकायत प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है।

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