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उन्नाव रेप पीड़िता व उसके परिवार पर दर्ज मामलों में स्थिति रिपोर्ट मांगने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज अन्य 20 मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट उत्तर...
उन्नाव रेप पीड़िता व उसके परिवार पर दर्ज मामलों में स्थिति रिपोर्ट मांगने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज अन्य 20 मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार से अब नहीं मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो बाकी मामलों में दखल नहीं देना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले के दायरे को और बढ़ाना नहीं चहते और अन्य मामले में दखल नहीं देना चाहते हैं।

19 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति बी.आर गवई की एक पीठ ने कहा कि वह राज्य में उनके खिलाफ दायर मामलों का ना तो दायरा बढ़ाएंगे और ना ही उसमें हस्तक्षेप करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पेश हुए एक अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली स्थानांतरित किए चार मामलों की सुनवाई प्रतिदिन यहां विशेष अदालत में जारी है। पीठ ने कहा कि वह उन्नाव मामले पर 19 अगस्त को सुनवाई करेगी।

इन धाराओं के तहत सेंगर के खिलाफ आरोप तय

उन्नाव रेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, अपहरण की धाराओं में आरोप तय किए हैं। इससे पहले कोर्ट की ओर से जारी प्रोडक्शन वारंट के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद कोर्ट ने सेंगर को तिहाड़ जेल भेज दिया था।

यूपी से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर किए गए चार मामले

सुप्रीम कोर्ट ने पांच मामले में से रोड एक्सिडेंट को छोड़कर बाकी चार मामले को तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किए गए थे। ये 5 केस जिला जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में ट्रांसफर हुए हैं। तीस हजारी कोर्ट को 45 दिन में ट्रायल पूरा करना है।

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई 2019 को कार-ट्रक की टक्कर में 19 साल की पीड़िता और उनके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं। इस हादसे में पीड़िता के चाची और मौसी की मौत हो गई थी।

रेप पीड़िता ने बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उनके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है। घटना 2017 की है जब वह नाबालिग थी। जिसके बाद आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

30 जुलाई को पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराया था केस

 

30 जुलाई को पीड़िता के चाचा महेश सिंह ने एक्सीडेंट के इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य को नामजद करते हुए हत्या, हत्या की साजिश, हत्या का प्रयास और जानमाल की धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी।

 

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