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सहारनपुर: बंदूक के साये में संपन्न हुई दलित परिवार की दो बेटियों की शादी

हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।
सहारनपुर: बंदूक के साये में संपन्न हुई दलित परिवार की दो बेटियों की शादी

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, शादी में किसी तरह की कोई हिंसात्मक घटना ना हो इसके लिए गांव में प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया था। रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी की कई टुकड़ी गांव के अंदर और बाहर लगाई गई थी। फकीरचंद नामक व्यक्ति की एक बेटी प्रीति की शादी सहारनपुर के शीतलपुर के मिक्की नामक युवक से हुई। वहीं, दूसरी बेटी मनीषा की शादी जिला शामली के जानीपुर के रहने वाले अरुण से हुई।

फकीरचंद की बेटी मनीषा ने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे बंदूक के साये में उसकी शादी होगी, गांव के हालात अभी तो सामान्य दिख रहे हैं, लेकिन अभी भी उसके मन में डर है और हालात में 19-20 का ही फर्क हुआ है।

शादी के दौरान गांव के हालात का मुआयना करने के लिए सहारनपुर के जिलाधिकारी पीके पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार के अलावा दूसरे आला अधिकारी भी पहुंचे। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने दोनों वर-वधु को घर जाकर आशीर्वाद दिया।

गौरतलब है कि इसी दिन सुबह आरएएफ और पीएसी ने गांव में फ्लैग मार्च किया था, ताकि लोगों में दहशत खत्म हो। प्रशासन की कोशिशों से माहौल सामान्य हो रहा है और अगर पार्टियां राजनीतिक रोटियां सेंकना बन्द कर दें, तो शायद दलित और राजपूतों में पैदा हुई नफरत की खाई भी जल्द खत्म हो सकेगी।

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