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गैस त्रासदी की 33वीं बरसी के दिन 'रन भोपाल रन' का आयोजन होगा

1984 की 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात, मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसे जहरीले...
गैस त्रासदी की 33वीं बरसी के दिन 'रन भोपाल रन' का आयोजन होगा

1984 की 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात, मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसे जहरीले गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। इसे भोपाल गैस त्रासदी कहा जाता है।

पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना के वर्षगांठ के दिन, आगामी 3 दिसंबर को 21 किमी की हाफ मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।  

प्रति वर्ष गैस त्रासदी में मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहर भर में कई जगह श्रद्धांजलि सभा और रैलियां आयोजित की जाती हैं, जिसमें मुख्यमंत्री, गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री, भोपाल महापौर, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक,  प्रमुख सचिव भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास और बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि उपस्थित होते है।

गैस कांड की 33वीं बरसी पर 'रन भोपाल रन' का आयोजन किया जा रहा है। इस मैराथन के आयोजन की घोषणा भोपाल शहर में पले और बड़े हुए भोपाल के सांसद आलोक संजर और भोपाल रन के फाउंडर और इंदौर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने की है।

पत्रकारों से बातचीत में सांसद आलोक संजर ने कहा, "अंगदान कर हम किसी को नया जीवन दे सकते हैं। समाज में इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए दौड़ का आयोजन किया जा रहा है।'' इस पत्रकार वार्ता में रन भोपाल रन के फाउंडर निशांत वरवड़े (वर्तमान में इंदौर कलेक्टर ) और अध्यक्ष अमिता चांद मौजूद थीं।

इस आयोजन को लेकर गैस पीड़ितों और उनके बीच काम कर रहे संगठनों में काफी नाराजगी है।

आपको बता दें कि इस दिन गैस त्रासदी में मृत लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करने की परम्परा तीन दशकों से चली आ रही है। दिसंबर की 3 तारीख को सेंट्रल लाइब्रेरी के प्रांगण में स्थित बरकतुल्लाह भवन में आयोजित होने वाली इस सभा में खुद मुख्यमंत्री, गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री, भोपाल महापौर, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक,  प्रमुख सचिव भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास और बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि उपस्थित हो कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गैस त्रासदी में मृत लोगों की स्मृति में सभी धर्मों के धर्मगुरू अपने-अपने धर्म की प्रार्थना प्रस्तुत कर गैस त्रासदी में मृत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते है और यह परंपरा पिछले तीन दशकों से चली आ रही है।

पिछले साल किन्हीं अपरिहार्य कारणों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गैस त्रासदी में मृत लोगों की स्मृति में शांति सभा और श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाए थे पर उनकी अनुपस्थिति में गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  विश्वास सारंग, महापौर आलोक शर्मा, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास श्रीमती गौरी सिंह और बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित हुए थे।

राज्य मंश्री  ने गैस त्रासदी में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा था कि आज भी 2-3 दिसम्बर की वह भयावह रात का स्मरण करते हैं तो सिहर उठते हैं। हमारे अपने देखते-देखते उस त्रासदी का शिकार हुए और लाखों लोग प्रभावित हुए। उन्होंने कहा था कि यह त्रासदी हमारे लिए सबक है कि हम आज के इस भौतिक और औद्योगिक दौर में ऐसी भयानक गलती फिर न करें। इसके लिए शासन-प्रशासन के साथ ही हर व्यक्ति को संकल्पित होना होगा और पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करना होगा।

अपने  भाषण में गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्य मंत्री ने कहा था कि आज का दिन हमें उन भूलों की याद दिलाता है, जिससे पूरी मानव जाति के अस्तित्व पर ही संकट पैदा हो जाता है। उन्होंने कहा हमें संकल्प लेना चाहिए कि ऐसी औद्योगिक त्रासदी की पुनरावृत्ति न हो और हम अपने पर्यावरण का निरंतर संरक्षण करते रहें।

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