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रघुवर दास ने कराये निर्माण, हेमंत सोरेन भरेंगे सवा सौ करोड़ से अधिक का दंड

रघुवर शासन के दौरान बिना पर्यावरण स्वीकृति के झारखंड विधानसभा और हाई कोर्ट के निर्माण से नाराज एनजीटी...
रघुवर दास ने कराये निर्माण, हेमंत सोरेन भरेंगे सवा सौ करोड़ से अधिक का दंड

रघुवर शासन के दौरान बिना पर्यावरण स्वीकृति के झारखंड विधानसभा और हाई कोर्ट के निर्माण से नाराज एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यू नल ) ने झारखंड सरकार पर करीब सवा सौ करोड़ रुपये का दंड लगाया है। विधानसभा भवन के एवज में 49 करोड़ और हाई कोर्ट भवन के एवज में 74 से 81 करोड़ रुपये। यह राशि अब हेमंत सरकार को अदा करनी होगी।

बीते विधानसभा चुनाव के दौरान रघुवर दास विधानसभा को सबसे बड़ी पंचायत बता माइलेज लेते रहे।विधानसभावार तैयार उपलब्धियों की रिपोर्ट में विधानसभा और हाई कोर्ट की तस्वीसर परोसी जाती रही। हालांकि हाई कोर्ट का निर्माण अभी अधूरा ही है, योजना लागत और बढ़ गई है।

इस मामले में याचिकाकर्ता पर्यावरण एवं वन्यक जीव विशेषज्ञ डॉ आरके सिंह ने आउटलुक को बताया कि एनजीटी ने पर्यावरण की स्वी कृति लिये बिना भवन निर्माण कराने के मामले की जांच का जिम्मां केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( सीपीसीबी) की समिति को सौंपी थी। पिछले 23 सितंबर की सुनवाई में ही एनजीटी ने कह दिया था कि दंड सीपीसीबी तय करेगी।

विधानसभा और हाई कोर्ट को लेकर 16 मार्च को ही झारखंड सरकार को पर्यावरण को हुए नुकसान के एवज में पैसा जमा करना था, नहीं किया गया। बुधवार को एनजीटी ने फाइनल सुनवाई की। उन्होंरने बताया कि रांची के आइआइएम, रांची स्मार्ट सिटी, झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्राक्चार डेवलपमेंट लिमिटेड सहित 55 सरकारी-गैर सरकारी भवन हैं जिनका पर्यावरण स्वीचकृति की अवहेलना कर निर्माण कराया गया है। इनसे भी उपरोक्त् फार्मूले के तहत ही दंड की राशि वसूली की जानी है।

आरके सिंह ने कहा कि विधानसभा, जहां कानून बनते हैं और हाई कोर्ट जहां न्यांय सुनाया जाता है की नींव ही अवैध रूप से पड़ी हो वहां से न्यायय की अपेक्षा मेरे लिए सवाल था। इसी भावना को लेकर याचिका दायर की थी। इनके नक्शाह पास होने से निर्माण तक में शामिल तमाम अधिकारियों से दंड की राशि की वसूली की जानी चाहिए।
मुख्यडमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में कहा कि उन्हेंर विभिन्न् स्रोतों से जानकारी मिली है। एनजीटी का आदेश देखने और विमर्श के बाद इस संबंध में आवश्यरक निर्णय लिया जायेगा।

एनजीटी के फैसले पर रघुवर सरकार में कभी मंत्री रहे ( बाद में उन्हींा से रिश्ताल्ख हुआ और उन्हीै को हराकर विधानसभा पहुंचे) सरयू राय ने रघुवर दास की खिंचाई की है। अपने ट्वीट में लिखा है कि जुर्माना के साथ ही बिना पर्यावरण स्वीाकृति के भवन बनाने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होगा। निर्माणाधीन भवनों के निर्माण पर रोक रहेगी। अनियमित-अधूरा भवन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्धाटन कराने वाले अपनी गलती मानेंगे श़्य दूसरे ट्वीट में लिखा है कि जुर्माना कौन देगा श़्े संवेदक, सरकारी अफसर या जनता की कर से बना राजकोष।



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