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यूपी में सोनभद्र और संभल पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, मानसून सत्र में बिगड़ी कानून-व्यवस्था बनेगी मुद्दा

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या और संभल में दो पुलिस कर्मियों की मौत पर विपक्ष ने प्रदेश...
यूपी में सोनभद्र और संभल पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, मानसून सत्र में बिगड़ी कानून-व्यवस्था बनेगी मुद्दा

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या और संभल में दो पुलिस कर्मियों की मौत पर विपक्ष ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा है। साथ ही विपक्ष मानसून सत्र में कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाएगा। गुरुवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले ही समाजवादी पार्टी विधान मण्डल दल के सदस्यों ने विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर बिगड़ी क़ानून व्यवस्था के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।

बुधवार को डीजीपी जिस समय प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों को पुलिस की उपलब्धियां बता रहे थे, उसी समय सोनभद्र में जमीनी विवाद में गोली मारकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा संभल में न्यायिक हिरासत में पेशी से लौट रही पुलिस वैन में तीन बदमाशों ने पुलिस कर्मियों पर पहले मिर्च झोंका, इसके बाद तमंचे से गोली मारकर दो सिपाहियों की हत्या कर दी। साथ ही उनकी राईफल भी लूटकर फरार हो गए।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोनभद्र में भूमाफिया द्वारा किए गए नरसंहार में 10 लोगों की मौत और 25 लोगों के घायल होने पर मृतक आश्रितों को 20-20 लाख रूपए की मदद देने की सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना दहशत और दमन की प्रतीक है। अपराधियों को पोषण देने वाली भाजपा सरकार ने जनता की सुरक्षा को अपराधियों के आगे गिरवी रख दिया है। उन्होंने मृतक आश्रितों के प्रति संवेदना जताते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

उनके निर्देश पर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल सोनभद्र में हुए हत्याकाण्ड की जांच करने जाएगा। इस प्रतिनिधिमण्डल में जगदम्बा सिंह पटेल पूर्व विधायक, कैलाश चौरसिया पूर्व मंत्री, सत्य नारायण राजभर (चंदौली), आशीष यादव जिलाध्यक्ष मिर्जापुर और अविनाश कुशवाहा पूर्व विधायक शामिल होंगे।

इसी मसले को लेकर कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस हत्याकांड ने फिर साबित कर दिया है कि दबंगों और बाहुबलियों को संरक्षण देने वाली सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस जनसंहार को आपसी ज़मीनी विवाद का परिणाम बता कर पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। जबकि पूरा मामला सरकार की मिलीभगत से भूदान की ज़मीन से आदिवासियों को बेदखल करने का है। अजय लल्लू ने आदिवासियों को उनकी ज़मीन से बेदखल करने के इस षडयंत्र में शामिल लोगों की जांच कराने की मांग करते हुए कड़ी कार्यवाई की मांग की है।

डीएम सोनभद्र से सीएम ने तलब की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्भल की घटना को दुःखद बताते हुए अपराधियों द्वारा की गई फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रत्येक शहीद पुलिसकर्मी की पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने के भी निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जनपद सोनभद्र की घटना में मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिए हैं कि वे रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि ग्रामवासियों को पट्टे क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए थे।

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