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गौरक्षकों के खौफ से योगी राज में गाय का नहीं हो रहा इलाज, पीएम भी चुप

देश में गौरक्षा के नाम पर बढ़ती ‌हिंसा के कारण सात साल की एक गाय का इलाज नहीं हो पा रहा है। खौफ के कारण...
गौरक्षकों के खौफ से योगी राज में गाय का नहीं हो रहा इलाज, पीएम भी चुप

देश में गौरक्षा के नाम पर बढ़ती ‌हिंसा के कारण सात साल की एक गाय का इलाज नहीं हो पा रहा है। खौफ के कारण ट्रक ड्राइवर लकवाग्रस्त इस गाय को इलाज के लिए मेरठ से 200 किमी दूर बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) ले जाने को तैयार नहीं हैं। मदद के लिए गाय की मालकिन 24 साल की ज्योति ठाकुर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सबसे गुहार लगा चुकी हैं। लेकिन, अब तक उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी है।

ज्योति 13 नवंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ट्विटर पर मदद मांग रही हैं। अभी तक किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। ज्योति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,‘मेरी गाय मोनी 28 अक्टूबर को बीमार हो गई। एक निजी डॉक्टर से उसका इलाज कराया। लेकिन दो दिन बाद मोनी अचानक जमीन पर गिर गई। तब मैं उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर गई। मगर वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ।’

ज्योति ने बताया कि डॉक्टर ने मोनी को इलाज के लिए आइवीआरआइ ले जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास ना तो एक्सरे के इंतजाम हैं और ना ही विशेष इलाज की कोई सुविधा। उन्होंने बताया कि मोनी को बरेली ले जाने से स्थानीय ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट्स ने इंकार कर दिया। उनका कहना है कि गौरक्षक उन पर हमला कर सकते हैं। ज्योति बेंगलुरु के एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं। फिलहाल वे मेरठ के अपने पैतृक गांव लाला मोहम्मदपुर में रुकी हुई हैं। उनका कहना है कि इस मुश्किल के कारण वो अपने काम पर बेंगलुरु भी नहीं लौट पा रही हैं।

ज्योति ने पशुपालन विभाग और मेरठ के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद सिंह से संपर्क किया। दोनों ने मोनी को अस्पताल ले जाने का इंतजाम करने से हाथ खड़े कर दिए। डॉ. सिंह ने बताया कि गाय को लकवा मार गया है। डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। गाय को अस्पताल ले जाने के लिए वाहन उपलब्‍ध कराने के लिए हमारे पास कोई सुविधा नहीं है। मेरठ डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि जरूरी कागजात दिखाने पर भी गौररक्षक ड्राइवर और क्लीनर के साथ मारपीट करते हैं। इसके कारण अब लोग अब पशुओं को नहीं ले जाना चाहते। यूपी ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अवस्‍थी ने बताया कि गाय ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

 

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