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"उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर 90 प्रतिशत काम पूरा", मुख्यमंत्री धामी ने देश से किया अनुरोध

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरुआत से ही मुखर रहे...

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरुआत से ही मुखर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार द्वारा गठित समिति 30 जून तक अपने प्रस्ताव पेश करेगी। उन्होंने बताया कि इसका अधिकांश हिस्सा पूरा कर लिया गया है। विदित हो कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने प्रमुख रूप से यूसीसी लागू करने का वादा किया और मुख्यमंत्री ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।

 

अब उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में मीडिया बंधुओं से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले पैनल ने यूसीसी के प्रारूप से संबंधित 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। 30 जून तक मसौदा तैयार किया जाना है।" उन्होंने कहा हम समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और देश के अन्य राज्यों को भी इस दिशा में सोचना चाहिए।

 

बता दें कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक और पार्टी महासचिव रफीकुल इस्लाम ने इसका विरोध किया और कहा, "भाजपा खुद भी यह बात जानती है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए समान नागरिक संहिता को लागू करने की बातें कर रही है। वह देश में इसे लागू नहीं कर सकती है। वे (भाजपा) इसे गोवा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, केरल, चेन्नई, बेंगलुरु में लागू नहीं कर सकते।"

 

रफीकुल इस्लाम ने याद दिलाया कि गुजरात में चुनाव के दौरान भी ऐसे वादे हुए थे। तब भाजपा ने कहा था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे, उत्तराखंड में भी यही कहा और उन्होंने संकल्प लिया और एक विधेयक पारित किया। उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा अबतक उत्तराखंड में इसे लागू क्यों नहीं कर सकी? उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ और भाजपा वहां भी यूसीसी लाने में सक्षम नहीं हुई"।

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