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IPS अधिकारी डी रूपा द्वारा अवॉर्ड ठुकराने के मामले में नया मोड़

पिछले दिनों आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने बेंगलुरू के एक फाउंडेशन से पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था।...
IPS अधिकारी डी रूपा द्वारा अवॉर्ड ठुकराने के मामले में नया मोड़

पिछले दिनों आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने बेंगलुरू के एक फाउंडेशन से पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इसके साथ बहुत बड़ा कैश रिवॉर्ड था। इस बात की काफी तारीफ भी हो रही थी लेकिन अब मामले में नया मोड़ आ गया है।

दरअसल, आईपीएस द्वारा जिस फाउंडेशन का अवॉर्ड लेने से इनकार की बात की जा रही थी उस फाउंडेशन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अधिकारी को इस पुरस्कार की कभी पेशकश नहीं की। फाउंडेशन ने पत्र जारी कर अपनी बात रखी।

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रेशखर की अध्यक्षता वाले नम्मा बेंगलूरु फाउंडेशन (एनबीएफ) ने यहां एक बयान में कहा कि उन्हें इस पुरस्कार की कभी पेशकश नहीं की गई और इसलिए उनके द्वारा इससे इनकार करने का कोई विषय नहीं है। एनबीएफ संस्था बेंगलुरू के एनजीओ और अन्य को इस पुरस्कार से सम्मानित करता है।

पिछले साल यहां केंद्रीय कारागार में बंद अन्नाद्रमुक की नेता वी के शशिकला के साथ कथित तरजीह वाले व्यवहार का खुलासा करने वाली रूपा को साल की सरकारी अधिकारी श्रेणी में नामित किया गया था। फाउंडेशन ने सवाल किया कि रूपा को विजेता के नाम का पता कैसे चला जबकि इसकी घोषणा तक नहीं हुई है। हालांकि रूपा ने एक पत्र में कहा कि उन्हें पुरस्कार के नतीजे पता हैं।

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