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अब यूपी के मुजफ्फरनगर में सामने आई लापरवाही, मिड-डे मील में परोस दी चूहे वाली दाल

अब यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में मि़ड डे मील योजना में लापरवाही सामने आई है। यहां एक स्कूल में चूहे वाली...
अब यूपी के मुजफ्फरनगर में सामने आई लापरवाही, मिड-डे मील में परोस दी चूहे वाली दाल

अब यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में मि़ड डे मील योजना में लापरवाही सामने आई है। यहां एक स्कूल में चूहे वाली दाल परोस दी, जिसे खाने से नौ छात्रों की हालत बिगड गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। प्रशासन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं तथा एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि इससे पहले मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में नमक के साथ रोटी और सोनभद्र के एक स्कूल में दूध में भारी मात्रा में पानी मिलाकर बच्चों में परोसने का मामला सामने आया था।

मामला मुजफ्फरनगर के गांव मुस्तफाबाद पचेंडा स्थित जनता इंटर कॉलेज का है। मंगलवार को मिड डे मील के मैन्यू में दाल चावल बना था। बच्चों को खाना परोसा गया, जिसे खाने के बाद 9 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह मिड डे मील कक्षा 6 और 8 के छात्रों के लिए तैयार किया गया था जिसे  हापुड़ की संस्था जन कल्याण सेवा समिति द्वारा स्कूल में लाया गया था।

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार सिंह ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आपूर्तिकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ भोजन करने वाले एक शिक्षक को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी छात्रों और शिक्षक को बाद में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

लापरवाही का बड़ा उदाहरण हैः शिक्षा अधिकारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरा हुआ चूहा उस बर्तन के नीचे पाया गया जिसमें खाना पकाया गया था। एक छात्र ने कहा, 'उस समय तक, कई छात्रों ने पहले ही खाना खा लिया था और उल्टी शुरू कर दी थी।' शिक्षा विभाग के एक अधिकारी राम सागर त्रिपाठी ने कहा कि यह घटना लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।

सुर्खियों में मिड डे मील योजना

हाल ही में यूपी के सोनभद्र जिले के सलाइ बनवा के सरकारी स्कूल में  मिड डे मील योजना के तहत एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर 80 बच्चों में परोस दिया गया था। प्रशासन ने शिक्षा मित्र और संबंधित शिक्षक को सस्पेंड कर दिया था और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी थी। साथ ही शिक्षा मित्र के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।  वहीं, 22 अगस्त को  मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को नमक के साथ रोटी दिए जाने का मामला सामने आया था। तब इसमें सितंबर में मामला दर्ज किया गया था।

मैन्यू में यह होना चाहिए

यूपी मिड डे मील प्राधिकरण की वेबसाइट राज्य में भोजन देने वाली संस्था के मैन्यू का वर्णन करती है जिसे प्राइमरी स्कूलों में परोसा जाना चाहिए। इसमें दाल, चावल, रोटियां और सब्जियां शामिल हैं। भोजन चार्ट के अनुसार, फलों और दूध को कुछ खास दिनों में शामिल किया जाता है। ये भोजन प्रत्येक बच्चे को प्रत्येक दिन न्यूनतम 450 कैलोरी प्रदान करने वाला होता है और इसमें कम से कम 12 ग्राम प्रोटीन शामिल होना चाहिए और इसे कम से कम 200 दिन हर बच्चे को परोसा जाना चाहिए।

राज्य सरकार के अनुसार, प्रदेश भर में 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में मिड डे मील मुहैया कराया गया है और करीब एक करोड़ से अधिक बच्चों को योजना का लाभ दिया गया है।

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