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एमपी: 5000 का कर्ज नहीं चुकाया तो जिंदा जलाया, तीन साल की बंधुआ मजदूरी भी नहीं बचा सकी जान

"मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के विधानसभा क्षेत्र का मामला, पांच हजार का कर्ज...
एमपी: 5000 का कर्ज नहीं चुकाया तो जिंदा जलाया, तीन साल की बंधुआ मजदूरी भी नहीं बचा सकी जान

"मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के विधानसभा क्षेत्र का मामला, पांच हजार का कर्ज नहीं चुकाने पर आदिवासी को जिंदा जलाया"
 
पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी को मात्र पांच हजार रुपए के लिए जिंदा जला दिया गया। जिले के बमौरी क्षेत्र के उकावद खुर्द गांव के रहने वाले आदिवासी विजय सहरिया ने गांव के ही राधेश्याम से तीन साल पहले पांच हजार रुपए उधार लिए थे। इसके बदले तब से लगातार खेत में जबर्दस्ती उससे काम कराया जा रहा था। शुक्रवार रात पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद बीच गांव में मंदिर के सामने केरोसिन डालकर उसे जिंदा जला दिया।
 
जली हुई हालत में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात दम तोड़ दिया। घटना को लेकर गांव के आदिवासी लोगों में भारी नाराजगी है।  प्रशासन ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
 
बीच गांव में केरोसिन डालकर जलाया
 
26 साल का विजय सहरिया छोटी उकावद खुर्द गांव में मां , छोटे भाई, पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। वह मजदूरी कर परिवार का पेट पालता था। गांव में ही रहने वाला राधेश्याम पुत्र चुन्नीलाल लोधा बड़ा किसान है। शुक्रवार रात करीब 9 बजे उसने विजय को कृष्ण मंदिर के पास बुलवाया। यहां उससे पैसे मांगे। इसी बात पर दोनों में विवाद हो गया। गुस्साए राधेश्याम ने केरोसिन से भरी केन विजय पर उड़ेल दी। इसके बाद माचिस की तीली जलाकर आग लगा दी।
 
कर्ज के बदले तीन साल से बंधुआ मजदूरी
 
ग्रामीणों के मुताबिक विजय ने तीन साल पहले राधेश्याम से पांच हजार रुपए उधार लिए थे। इसके बदले में तीन साल से लगातार उसके खेत में मजदूरी कर रहा था। खास बात है कि मजदूरी के बदले उसे पैसा भी नहीं दिया जा रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि उससे जबर्दस्ती काम करवाया जा रहा था। जब भी विजय पैसे मांगता, तो उसे मार-पीटकर भगा दिया जाता था। इसके बाद भी राधेश्याम उससे पैसे मांग रहा था।

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