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राजस्थान के निर्दलीय विधायक 10 जून को दिखाएंगे दम, हो सकते हैं भाजपा में शामिल

राजस्थान में पिछले चार, साढ़े चार साल से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में से एक निर्दलीय विधायक...
राजस्थान के निर्दलीय विधायक 10 जून को दिखाएंगे दम, हो सकते हैं भाजपा में शामिल

राजस्थान में पिछले चार, साढ़े चार साल से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में से एक निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल रैली कर 10 जून को अपना दम दिखाएंगे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद अगले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में उनके भाजपा का दामन थामने की संभावना है। बताया जा रहा है कि किरोड़ीलाल मीणा ने पूरी चौसर बिछा दी है, जिसके तहत बेनीवाल को भाजपा में वापसी का रास्ता साफ किया जा चुका है। उनका युवाओं और किसान वर्ग में अच्छा-खासा प्रभाव है, जो आगामी नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है।

कर चुके हैं तीन बड़ी रैलियां, मोदी तक पहुंची है खबर

सीकर जिले में खींवसर से विधायक बेनीवाल चार साल में प्रदेश की अपनी चौथी बड़ी रैली का आयोजन कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने बीते साल नागौर व बीकानेर और इसी साल के शुरुआत में बाड़मेर में बड़ी रैलियां कर राजस्थान की बीजेपी सरकार के माथे पर पसीना ला दिया था। राजे सरकार द्वारा हालांकि, 50-50 हजार रुपए माफ करने का काम शुरू कर दिया है लेकिन कर्जमाफी के लिए किसानों का साथ और रोजगार के लिए युवाओं के दम पर हनुमान बेनीवाल करीब 3 लाख लोगों की भीड़ एकत्रित करने का दावा कर चुके हैं। इससे पहले की तीनों रैलियों में भी विधायक हनुमान बेनीवाल ने दो से तीन लाख लोगों तक की भीड़ जुटाने का दावा किया था।

बीजेपी में शामिल हुए तो यह भी दिलचस्प होगा

बाड़मेर जिले में हुई रैली को तो राज्य सरकार की इंटेलिजेंस ऐजेंसियों ने ही उन दिनों रिफायनरी के कार्य शुरुआत कार्यक्रम के लिए आयोजित पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से भी बड़ी बताया था। जिसके बाद एक ओर जहां सियासत में पूर्व बीजेपी एमएलए और निर्दलीय विधायक बेनीवाल का कद बढ़ गया, वहीं राज्य सरकार की भी नींद उड़ गई थी। तभी से केंद्र सरकार के पास भी बेनीवाल की तमाम गतिविधियों की पूरी अपडेट पहुंचाई जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह बाद शुरू होने वाली अमित शाह की राजस्थान यात्रा के दौरान विधायक बेनीवाल के बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। यदि बेनीवाल भी बीजेपी का दामन थाम लेते हैं तो फिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बोलने वाल तीन बड़े नेताओं में केवल सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ही रह जाएंगे।

अकेले पड़ गए हैं बेनीवाल

एक पखवाड़े से बेनीवाल अपनी रैली को सफल बनाने के लिए सीकर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, चुरू, नागौर, श्रीगंगानगर में जन सपंर्क अभियान में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को उन्होंने ऊंट, घोड़ों, बैलों और वाहनों के साथ यात्रा निकालकर सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इस बात पर सभी की नजर टिकी हुई है कि राजस्थान की जाट सियासत में उपजे खालीपन को भरते हुए जाट नेता बनने की ओर अग्रसर हनुमान बेनीवाल की यह सभा कितनी बड़ी होगी और उसके बाद उनका भविष्य क्या होगा? लेकिन इतना तय है कि बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी के द्वारा पार्टी बनाने व राजपा विधायक किरोड़ीलाल मीणा के द्वारा बीजेपी का दामन थामने के बाद सांसद बनने पर बेनीवाल ही वह लीडर हैं, जो सरकार के खिलाफ उसी रफ्तार से मोर्चा खोलकर बैठे हुए हैं। किरोड़ीलाल मीणा के बिना बेनीवाल की यह पहली रैली होने जा रही है। आपको यह भी बता दें कि इससे पहले बेनीवाल अपनी हर रैली और कार्यक्रम किरोड़ीलाल मीणा से सलाह-मशविरा करके ही तय करते रहे हैं।

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