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महाराष्ट्र: ट्रांसप्लांट गर्भाशय से महिला ने बच्ची को दिया जन्म, देश में पहला मामला

महाराष्ट्र के पुणे में गैलेक्सी केयर अस्पताल में वडोदरा की एक महिला ने अपनी मां के गर्भाशय से एक बच्ची...
महाराष्ट्र: ट्रांसप्लांट गर्भाशय से महिला ने बच्ची को दिया जन्म, देश में पहला मामला

महाराष्ट्र के पुणे में गैलेक्सी केयर अस्पताल में वडोदरा की एक महिला ने अपनी मां के गर्भाशय से एक बच्ची को जन्म दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 17 महीने पहले ही मीनाक्षी नाम की इस महिला के गर्भाशय का ट्रांसप्लांट हुआ था। डॉक्टरों का कहना है कि देश में यह अपनी तरह का पहला मामला है। हालांकि, बच्ची समय से पहले 32वें हफ्ते की प्रेग्नेंसी के बाद इमरजेंसी सिजेरियन के जरिए जन्मी है। लेकिन बच्ची और मां दोनों ही स्वस्थ हैं और फिलहाल डॉक्टर्स की निगरानी में हैं। महिला के गर्भाशय को उसकी मां ने डोनेट किया था।

ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शैलेश पुंटामबेकर ने बताया, 'बच्ची और मां दोनों स्वस्थ हैं। जन्म के वक्त बच्ची का वजन 1,450 ग्राम था। हमारे लिए एक साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन ट्रांसप्लांट के बाद हेल्दी बेबी हुई है। यह बच्ची अब देश दुनिया को अपने जन्म की शानदार कहानी सुनाएगी।'

नवंबर के पहले हफ्ते में जब गर्भ करीब 34 हफ्ते का था, तब डॉक्टर सी-सेक्शन की तैयारी कर रहे थे। लेकिन अचानक हालात बिगड़ गए। मां का ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगा। महिला का गर्भाशय ट्रांसप्लांट करने वाली लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. नीता वार्ती ने कहा, जांच में पता चला कि प्लेसेंटा (भ्रूण को गर्भाशय से जोड़ने और उसे पोषण देने वाला ऑर्गन) फीटस (भ्रूण) से ज्यादा तेजी से डेवलप हो रहा है। उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति में भ्रूण अनडेवलप्ड रहता है और बॉडी को फील होता है कि वह डेवलप हो रहा है। इस दौरान उसे पोषण मिलना भी बंद हो जाता है।

मीनाक्षी की मां ने डोनेट किया गर्भाशय

मीनाक्षी को 5 बार मिसकैरेज और कुछ कॉम्पिलकेशन्स का सामना करना पड़ा था। 45 साल की उसकी मां ने उसे अपना गर्भाशय डोनेट किया था। डॉ. पुंटामबेकर और डॉ. वार्ती ने पिछले साल 18-19 मई को देश का पहले गर्भाशय ट्रांसप्लांट सर्जरी को अंजाम दिया था। गैलेक्सी केयर हॉस्पिटल ने इस कामयाबी को मील का पत्थर करार दिया है। डॉक्टरों ने कहा, इस बच्ची के जन्म के बाद से निष्क्रिय और बिना गर्भाशय वाली महिलाओं के लिए भी मां बनने की उम्मीदें जग गई हैं।


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