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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हुआ हिंसक, ट्रक में तोड़फोड़ और आगजनी भी

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई इलाकों में आंदोलन तेज और हिंसक हो गया है। मंगलवार को...
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हुआ हिंसक, ट्रक में तोड़फोड़ और आगजनी भी

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई इलाकों में आंदोलन तेज और हिंसक हो गया है। मंगलवार को मराठा क्रांति मोर्चा ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान भी किया है। औरंगाबाद में आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को एक युवक ने गोदावरी नदी में कूद कर खुदकुशी कर ली थी। युवक की मौत के बाद मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने महाराष्ट्र के कई इलाकों में तोड़फोड़ की। इस दौरान लोगों ने कई गाड़ियों और बसों को भी अपना निशाना बनाया। इस बीच, गंगापुर में तैनात उस्मानाबाद पुलिस स्टेशन के हेड कॉन्सटेबल एसएल काटागाओंकर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्हें हार्ट अटैक तब हुआ था जब भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी।

औरंगाबाद में बंद की गई इंटरनेट सर्विस

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए महाराष्‍ट्र में स्‍कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए औरंगाबाद में इंटरनेट सेवाओं को भी पूरी तरह से रोक दिया गया।  बंद का सबसे ज्‍यादा असर मराठवाड़ा इलाके में देखने को मिल रहा है।

हिंसक हुआ प्रदर्शन, ट्रक को लगाई आग 

मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान औरंगाबाद के गंगापुर में एक ट्रक को आग लगा दी। वहीं, फायरब्रिगेड की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई। मराठा क्रांति मोर्चा की मांग है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था तथा नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए।

 

युवक की मौत को लेकर विपक्ष का राज्य सरकार पर निशाना

वहीं, इस मामले को लेकर राजनीतिक दल मृतक की मौत को सियासी रंग देने की को‍शिश में जुट गए हैं। विपक्ष ने महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस घटना के लिए मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर जिम्‍मेदार माना है।

राज ठाकरे फडणवीस पर लगाए ये आरोप

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर प्रस्तावित महा भर्ती अभियान में मराठा समुदाय के लिए नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर समुदाय को 'गुमराह' करने का आरोप लगाया है।

ठाकरे ने कहा, 'मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। वह यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि बंबई उच्च न्यायालय के समुदाय के लिए आरक्षण को मंजूरी देने पर सरकार बैकलॉग के रूप में मराठा उम्मीदवारों को 72,000 पदों में से 16 प्रतिशत पद आवंटित कर देगी। वह आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं।'

श्रद्धालुओं से भरी बस फंसी 
इस बीच महाराष्ट्र बंद की वजह से पंडरपुर में आयोजित 'वारी' (एक धार्मिक यात्रा) में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं से भरी बस पिछली रात से लातुर बस स्टैंड पर फंसी हुई है। बस कंडेक्टर ने बताया, 'हमें अपने रिस्क पर आगे जाने के लिए कहा गया है। लोगों ने कहा, 'यहां कोई स्टाफ नहीं है और हमारे पैसे भी नहीं लौटाए जा रहे हैं।' 

औरंगाबाद प्रशासन ने मानी मराठा क्रांति मोर्चा की अधिकांश मांगें

बंद को लोकर महाराष्‍ट्र के कई इलाकों में हालात काफी तनावपूर्ण हैं। प्रदेश सरकार ने बंद के बाद प्रशासन और महाराष्‍ट्र पुलिस को सतर्क कर दिया है। वहीं, मराठा समुदाय की नाराजगी को देखते हुए औरंगाबाद प्रशासन ने मराठा क्रांति मोर्चा की अधिकांश मांगों को मान लिया है। प्रशासन ने बताया कि सरकार मृतक काकासाहेब शिंदे के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देगी। साथ ही, उनके छोटे भाई को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।

युवक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा

औरंगाबाद के डीएम उदय चौधरी ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार ने मराठा क्रांति मोर्चा की ज्यादातर मांगें स्वीकार कर ली है। साथ ही आरक्षण की मांग की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को भेजी जाएगी। हम युवक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देंगे।' दूसरी ओर जल समाधि प्रदर्शन के दौरान गोदावरी नदी में कूदे शख्स की मौत के खिलाफ मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों का प्रदर्शन जारी है।

गोदावरी नदी में कूद गया था शख्स

मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्य उसी पुल पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां से शख्स नदी में कूद गया था। महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय का आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण रहा था, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में उनका उग्र होना देवेंद्र फडणवीस सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला है।

सीएम के फैसले से नाराज मराठा समुदाय 
सोमवार को दोपहर में परभनी के गंगाखेड़ में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बसों में तोड़फोड़ की और पुलिस की गाड़ियों पर हमले किए।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल में कहा था कि वह 72,000 सरकारी नौकरियां देने की घोषणा कर सकती है। सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का सीएम का फैसला इस आग को ठंडा करने के बजाय और भड़का रहा है।

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