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हाई कोर्ट से मरांडी को झटका, बेचैन बीजेपी प्रदीप और बंधु की सदस्‍यता समाप्‍त करने पहुंची विधानसभा अध्‍यक्ष की अदालत

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दल बदल मामले में विधानसभा अध्‍यक्ष द्वारा स्‍वत: संज्ञान...
हाई कोर्ट से मरांडी को झटका, बेचैन बीजेपी प्रदीप और बंधु की सदस्‍यता समाप्‍त करने पहुंची विधानसभा अध्‍यक्ष की अदालत

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दल बदल मामले में विधानसभा अध्‍यक्ष द्वारा स्‍वत: संज्ञान लेने के मामले में रांची हाई कोर्ट ने बाबूलाल के खिलाफ विधानसभा अध्‍यक्ष की कार्रवाई पर लगी रोक को हटा दिया है। इससे बाबूलाल के साथ भाजपा को झटका लगा है। इसके बाद बेचैन भाजपा, झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव और बंधु तिकी की सदस्‍यता समाप्‍त करने के लिए विधानसभा अध्‍यक्ष की अदालत में याचिका दायर की है।

हाई कोर्ट द्वारा रोक हटाने के बाद विधानसभा अध्‍यक्ष स्‍वत: संज्ञान लेने के मामले में अब सुनवाई कर सकते हैं। बाबूलाल ने झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय किया था तो उस मामले में स्‍वत: संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्‍यक्ष ने दसवें शिड्यूल का मामला मानते हुए उन्‍हें नोटिस जारी किया था। विधानसभा अध्‍यक्ष के स्‍वत: संज्ञान लेने के खिलाफ बाबूलाल हाई कोर्ट गये थे। तब हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्‍यक्ष की ओर से जारी नोटिस पर आगे सुनवाई पर रोक लगा दी थी। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति डॉ रविरंजन और न्‍यायमूर्ति एसएन प्रसाद की अदालत ने इसी मामले की मंगलवार को सुनवाई करते हुए रोक को हटाया है। हालांकि स्‍वत: संज्ञान लेने की वैधता पर बाद में सुनवाई होगी, निर्णय होगा। स्‍वत: संज्ञान के अतिरिक्‍त बाबूलाल के खिलाफ चार और मामले इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्‍यक्ष के ट्रिब्‍यूनल में चल रहे हैं।

बाबूलाल सहित भाजपा के अनेक नेता विधानसभा अध्‍यक्ष पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर, राजनीति के तहत कार्रवाई का आरोप लगाते रहे हैं। अब हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई से रोक हटाने के बाद खुद भाजपा उपाध्‍यक्ष बिनोद शर्मा ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की सदस्‍यता समाप्‍त करने के लिए विधानसभा अध्‍यक्ष के न्‍यायाधिकरण में याचिका दायर की है। कहा है कि दोनों ने दसवीं अनुसूची का उल्‍लंघन किया है। जो कि दल बदल के दायरे में आता है। विधायक निर्वाचित होने के बाद से ही दोनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। नतीजतन दोनों को नोटिस जारी किया गया और जवाब नहीं देने पर 21 जनवरी को बंधु तिर्की और 6 फरवरी को प्रदीप यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से बर्खास्‍त कर दिया। इसकी सूचना विधानसभा अध्‍यक्ष को भी दे दी गई। और 11 फरवरी को झारखंड विकास मोर्चा की कार्यकारिणी की बैठक कर दोनों विधायकों की बर्खास्‍तगी की संपुष्टि की गई। साथ ही कार्यकारिणी ने सर्वसम्‍मति से झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय का फैसला लिया गया। इसकी सूचना भारत निर्वान आयोग को भी दी गई। आयोग ने विलय को स्‍वीकार कर लिया। आयोग ने 11 जून को राज्‍यसभा चुनाव के पीठासीन पदाधिकारी को सूचित किया कि बाबूलाल मरांडी भाजपा विधायक और बंधु तिर्की व प्रदीप यादव निर्दलीय विधायक के रूप में मतदान में हिस्‍सा लेंगे। इसके बाद प्रदीप और बंधु ने कांग्रेस की सदस्‍यता ग्रहण कर ली जो दसवीं अनुसूची को प्रभावित करता है। अत: दोनों की विधानसभा की सदस्‍यता तत्‍काल प्रभाव से रद की जाये।

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