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जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, दो दिन पहले हटाई गई थी सुरक्षा

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को शुक्रवार देर रात उनके मैसूमा निवास से गिरफ्तार किया गया...
जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, दो दिन पहले हटाई गई थी सुरक्षा

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को शुक्रवार देर रात उनके मैसूमा निवास से गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें फिलहाल कोठीबाग पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर दिया गया है। यासीन मलिक की पार्टी जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजा है। हालांकि अभी किसी और के हिरासत में लिये जाने की पुष्टि नहीं की गयी है। पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई सामने आई है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

दो दिन पहले हटाई गई थी सुरक्षा

पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद पांच अलगाववादियों की सुरक्षा हटा ली गई थी। इसमें मीर वाइज उमर फारुक और शब्बीर शाह का नाम प्रमुख था। केंद्र सरकार के साथ साथ जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल ने साफ कर दिया था कि इस विषय में पहले से विचार मंथन जारी था। लेकिन धरातल पर इसे उतारने के लिए सही समय आ गया। अलगाववादी नेताओं से सुरक्षा हटाए जाने के बाद कुछ ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा की कभी मांग ही नहीं की थी।

18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली

इसी कड़ी में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 20 फरवरी को यासीन मलिक सहित जम्मू कश्मीर के 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी। जिन नेताओं से सुरक्षा हटाई गई है उनमें हुर्रियत नेता एसएएस गिलानी, आगा सैय्यद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नयीम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा का नाम प्रमुख है।

इनके अलावा जम्मू-कश्मीर में 155 नेताओं की भी सुरक्षा हटाई गई। गिलानी, अब्बास अंसारी जैसे अलगाववादियों की सुरक्षा हटने के साथ ही फारुक किचलू की भी सुरक्षा हटी।

घाटी भेजी गई अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां

इस बीच जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों को भेजे जाने की खबरें आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को घाटी भेजा है। इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है।

भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान ने कसा मसूद पर शिकंजा

जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अजहर पर शिकंजा कस दिया है। पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है यहां स्थित जैश मुख्यालय को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। इसी आतंकी संगठन (जेईएम) ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय पर ये कार्रवाई की है। बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला में एक परिसर को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। आतंकी मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का चीफ है। इसी आतंकी संगठन (जेईएम) ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की पुलवामा हमले की निंदा

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक दिन पहले बयान जारी कर पुलवामा हमले को जघन्य और कायराना बताया तथा इस हमले की कड़ी निंदा की। साथ ही जोर देकर कहा कि इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वालों और धन मुहैया करने वालों को न्याय के दायरे में लाया जाए।

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बताया, पंजाब सरकार ने बहावलपुर स्थित जेईएम मुख्यालयों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर में दो परिसरों को अपने नियंत्रण में लिया है और उसके कामकाज को देखने के लिए अपना एक प्रशासक नियुक्त किया है। बहावलपुर लाहौर से 400 किमी दूर है।

भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाक ने उठाया ये कदम

गृह मंत्रालय के एक बयान में यह कहा गया है कि जैश पर कार्रवाई गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले की तर्ज पर की गई। बयान में कहा गया है कि दोनों परिसरों में फिलहाल 70 शिक्षक और 600 छात्र हैं। माना जा रहा है कि पुलवामा आतंकी हमले पर भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने यह कदम उठाते हुए जैश सरगना मसूद अजहर की सुरक्षा बढ़ाई है।

पाकिस्तान सरकार के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि सरकार ने उस कैंपस को अपने नियंत्रण में ले लिया है, जिसमें मदरसतुल शबीर और जामा-ए-मस्जिद सुभानअल्ला है। पाक मीडिया के मुताबिक, जैश के मुख्यालय से जुड़े मामलों को देखने के लिए एक प्रशासक भी नियुक्त कर दिया गया है। इस समय पाकिस्तान पंजाब पुलिस कैंपस की सुरक्षा में लगी है। 

भारत ने पहले कार्रवाई की तो वह पीछे नहीं हटेगा: पाक सेना के प्रवक्ता

वहीं, शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि पाकिस्तान पहले कोई ऐक्शन नहीं लेगा, परंतु भारत ने पहले कार्रवाई की तो वह पीछे नहीं हटेगा। इतना ही नहीं, पाक आर्म्ड फोर्स के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने शुक्रवार शाम में एक वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि पाकिस्तान आर्मी चीफ ने नियंत्रण रेखा का दौरा कर हालात की समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि पाक आर्मी चीफ ने जवानों का हौसला भी बढ़ाया। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने एलओसी पर रह रहे लोगों के लिए एक एडावाइजरी भी जारी किया है।

 

 

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