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झारखंड: छापेमारी के दौरान बूटों के नीचे कुचले जाने के बाद नवजात शिशु की मौत, 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

झारखंड के गिरिडीह जिले में बुधवार की तड़के छापेमारी के दौरान कथित तौर पर पुलिस के जूतों से कुचल कर एक...
झारखंड: छापेमारी के दौरान बूटों के नीचे कुचले जाने के बाद नवजात शिशु की मौत, 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

झारखंड के गिरिडीह जिले में बुधवार की तड़के छापेमारी के दौरान कथित तौर पर पुलिस के जूतों से कुचल कर एक नवजात शिशु की मौत के मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। बताया गया है कि छह आरोपियों में से पांच को इस घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था।

चार दिन के शिशु की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में "तिल्ली के फटने" का उल्लेख करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस अधिकारी ने कहा, "गिरिडीह के देवरी पुलिस थाने में दो अधिकारियों - संगम पाठक और एस के मंडल सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है... उनमें से पांच को निलंबित कर दिया गया है।"

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक वीडियो वायरल होने के बाद घटना की जांच के आदेश दिए, जिसमें एक व्यक्ति, जाहिर तौर पर भूषण पांडेय, यह आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं कि पुलिस कर्मियों ने सुबह 3.20 बजे उनके घर पर छापा मारा और दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने बल प्रयोग कर दरवाजा खोल दिया।

वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने दावा किया, "मैं भाग गया और महिलाएं भी बाहर निकल आईं। जब चार दिन का बच्चा सो रहा था तो पुलिसकर्मियों ने घर की तलाशी शुरू की। बच्चे को कुचल कर मार दिया गया।"

कथित घटना, जो देवरी थाने के अंतर्गत कोशोडिंघी गांव में हुई थी, जब पुलिसकर्मी एक मामले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एक घर में गए थे, विपक्षी भाजपा ने वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की थी।

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने संवाददाताओं से कहा,,"यह आरोप लगाया गया है कि जब पुलिस अदालत द्वारा जारी दो गैर-जमानती वारंट को निष्पादित करने के लिए वहां गई तो चार दिन के बच्चे की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया बच्चे के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। इसे पोस्टमॉर्टम परीक्षा के लिए भेजा गया है।"“

एसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस यह कहने की स्थिति में होगी कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों की एक टीम द्वारा मजिस्ट्रेट की देखरेख में उचित वीडियोग्राफी के साथ किया जाएगा।

रेणु ने कहा, "फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किसी पुलिसकर्मी ने नवजात को कुचला हो। अगर आरोप सही पाया गया तो दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।" एसपी ने कहा कि चार से पांच पुलिस कर्मी मृत शिशु के दादा भूषण पांडेय व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैर जमानती वारंट तामील कराने गए थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कथित अपराध को 'जघन्य' करार दिया और तत्काल कार्रवाई नहीं करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने के अलावा मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

"मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कुछ तो शर्म कीजिए। रांची से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजिए। सबसे पहले एफआईआर करवाइए और नवजात को मारने वाले पुलिसकर्मियों को जेल भेजिए... नहीं तो आप भी बच नहीं पाएंगे।" चार दिन के बच्चे की 'सरकारी हत्या' का पाप।'

भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए घटना की गहन जांच और घटना सही पाए जाने पर पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. सिंह ने कहा, ''यह भयानक है। अगर यह सच है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। पुलिस की छापेमारी टीमों को महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।''

गिरिडीह से सत्तारूढ़ झामुमो विधायक सुदिव्या कुमार ने कहा, "हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अगर यह पुष्टि हो जाती है कि पुलिस बूट के नीचे शिशु की मौत हुई है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि अगर घटना सही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कोई भी पुलिस अधिकारी आरोपी के खिलाफ सटीक मामले के बारे में विवरण नहीं दे सका है जिसके लिए छापेमारी की गई थी।

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