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लंबित मांगों को लेकर जाट फिर कर सकते हैं आंदोलन, हरियाणा में शुरू की भाईचारा न्याय यात्रा

जाट आरक्षण आंदोलन की कुछ मांगे अभी भी लंबित हैं, जिन पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। सरकार की अनदेखी को...
लंबित मांगों को लेकर जाट फिर कर सकते हैं आंदोलन, हरियाणा में शुरू की भाईचारा न्याय यात्रा

जाट आरक्षण आंदोलन की कुछ मांगे अभी भी लंबित हैं, जिन पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। सरकार की अनदेखी को लेकर पूरे प्रदेश में भाईचारा न्याय यात्रा के माध्यम से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान सभी विधायकों के साथ-साथ सीएम को भी ज्ञापन दिया जाएगा। सरकार का रूख देखते हुए 22 फरवरी को सोनीपत के लाठ-जौली में होने वाली शहीद रैली में आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी। यह घोषणा अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने शनिवार को भाईचारा न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने के दौरान की।

इस यात्रा की शुरूआत आज छोटूराम धाम-जसिया, रोहतक से की गई। यह यात्रा पूरे हरियाणा में सभी विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए 22 फरवरी को जाट आरक्षण आन्दोलन में शहीद होने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये आयोजित शहीद रैली-लाठ जौली, सोनीपत में समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने उन जाट विधायकों और गैर जाट विधायकों तथा नेताओं को भी नकार दिया है जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा में हरियाणा का भाईचारा खराब कर रहे थे।

कई मांगों को लेकर हुआ था समझौता

यशपाल मलिक ने कहा कि आंदोलन के समय प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ कई मांगों को लेकर समझौता हुआ था। जिसकी कुछ मांगें पूरी हो गई हैं, लेकिन अभी भी हरियाणा के जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण और आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी मामलों की वापसी नहीं हुई है। सरकार से बार-बार मांग पूरी करने की बात कही जा रही है।

वादाखिलाफी के खिलाफ है यात्रा 

सरकार की वादाखिलाफी को लेकर यह यात्रा शुरू की गई है।  यात्रा के बाद देखा जाएगा कि सरकार का क्या रूख है। इसके बाद भी अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो शहीद रैली में आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। 

पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी जलाने के मामले में हुए समझौते पर यशपाल मलिक ने कहा कि इसके लिए समिति खाप और उनके परिवार का आभार व्यक्त करती है।

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