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जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व आइएएस शाह फैसल पर लगा पब्लिक सेफ्टी एक्ट हटाया, जल्द होंगे रिहा

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को पूर्व आइएएस अधिकारी और राजनीतिज्ञ शाह फैसल और पीडीपी के दो सदस्यों...
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व आइएएस शाह फैसल पर लगा पब्लिक सेफ्टी एक्ट हटाया, जल्द होंगे रिहा

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को पूर्व आइएएस अधिकारी और राजनीतिज्ञ शाह फैसल और पीडीपी के दो सदस्यों के खिलाफ लगाया गया पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) हटा लिया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के मामा भी शामिल हैं।

पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद पूर्व आइएएस फैसल को हिरासत में लिया गया था। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष फैसल के खिलाफ इस साल फऱवरी में पीएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसे 14 मई को तीन महीने के लिये बढ़ा दिया गया था, लेकिन गृह विभाग ने बुधवार को एक आदेश के जरिये इस आदेश को अब निरस्त कर दिया है।.

दो पीडीपी नेताओं से भी हटा पीएसए

गृह विभाग ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी और पीर मंसूर के खिलाफ भी पीएसए हटा दिया। मदनी एक सरकारी बंगले में नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर के साथ रखे गये थे। उनकी हिरासत पांच मई को तीन महीने के लिये बढ़ा दी गई थी।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शाह फैसल की रिहाई पर ट्वीट किया। उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'शाह फैसल, पीर मंसूर और सरताज मदनी को पीएसए हिरासत से रिहा किए जाने पर खुश हूं लेकिन महबूबा मुफ्ती, सागर एसबी और हिलाल लोन को अभी भी हिरासत में रखना निराशाजनक है। अब बहुत समय हो गया है इन सभी को भी रिहा कर कर देना चाहिए।'

पिछले साल अधिकांश राजनीतिक नेताओं को किया गया था गिरफ्तार

जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने पिछले साल अगस्त में अधिकांश राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार किया था। फैसल को पिछले साल 14 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 के तहत प्रतिबंधात्मक हिरासत में रखा गया था। इससे पहले 24 मार्च को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया था। पीएसए के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को पूर्व में एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में पांच फरवरी को उन पर पीएसए लगा दिया गया था।

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