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अयोध्या मामले पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा, राम या अल्लाह नहीं जनता चुनेगी सरकार

अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित जमीन ढांचे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई टालने के बाद भी...
अयोध्या मामले पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा, राम या अल्लाह नहीं जनता चुनेगी सरकार

अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित जमीन ढांचे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई टालने के बाद भी सियासत जारी है। भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने मामले में प्राइवेट बिल पेश करने की बात कही। उधर अलग-अलग दलों के तमाम नेताओं के इस मुद्दे पर बयान आने शुरू हो गए हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना 25 नवंबर को अयोध्या कूच की तैयारी कर रही है।

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राम या अल्लाह वोट नहीं करने आएंगे बल्कि जनता को ही वोट करना होगा। उन्होंने कहा, 'वे (बीजेपी) सोचते हैं कि भगवान राम उन्हें 2019 का चुनाव जिताएंगे। भगवान चुनाव जिताने मे उनकी मदद नहीं करेंगे, भगवान राम या अल्लाह वोट करने नहीं आएंगे यहां जनता को वोट करना है।'

25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे

वहीं, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, 'उद्धव ठाकरे 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे। उन्होंने सभी तैयारियां कर ली हैं। वह वहां जाकर मोदी जी और बीजेपी सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए याद दिलाएंगे। अगर हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे तो हमें एक हजार साल इंतजार करना पड़ेगा।'

'राम मंदिर भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा?'

वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक रोशन बेग कहते हैं, 'मुस्लिम राम मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं है। अगर राम मंदिर भारत में नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा? यह सिर्फ भारत में ही बनना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'मामला कोर्ट में है और वे लोग (बीजेपी) अध्यादेश लाने की कोशिश कर रहे हैं। तो पिछले साढ़े चार से वे लोग क्या कर रहे थे?'

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा कि रामायण में लिखा है कि अयोध्या राम की जन्मभूमि है, इसलिए वहां राम मंदिर बनना चाहिए। उनसे जब यह सवाल किया गया कि इसका मतलब वह बीजेपी के साथ हैं तो उन्होंने कहा कि अगर वह अयोध्या में राम मंदिर बनने का समर्थन कर रही हैं तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वह बीजेपी के साथ हैं, वह राम के साथ हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक टाली सुनवाई

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल दी। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा रहा है।


 

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