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मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

56 मुस्लिम देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आर्गेनाईजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआइसी) के महासचिव अयाज अमीन मदनी के कश्मीर मामले में दिए गए बयान की भारतीय उलेमाओं ने आलोचना की है। भारतीय उलेेमा और बुद्धिजीवियों के मुताबिक मदनी का यह कहना गलत है कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मामला है बल्कि कश्मीर समस्या विशुद्ध रूप से भारत का आंतरिक मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है।
मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

 

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी, जमाते इस्लामी के अमीर मौलाना जलालुद्दीन उमरी, पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब और ऑल इंडिया मजलिस मुशव्रत के महासचिव इलियास मलिक ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है और जो इसे अंतरराष्ट्रीय समस्या करार दे रहा है वह गलत और निराधार है। इमाम बुखारी ने कहा कि निश्चित रूप से कश्मीर का मामला अंतरराष्ट्रीय नहीं है बल्कि यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों साथ बैठकर इस समस्या को हल कर सकते हैं और कोई नहीं।

उनके अनुसार कश्मीर की समस्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हल नहीं किया जा सकता क्योंकि भारतीय मुसलमान इसे अंतरराष्ट्रीय समस्या नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा ओआइसी के प्रमुख की बात सही नहीं है। जमाते इस्लामी के अमीर मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि बाहर के लोग क्या कहते हैं, हमें उसके पीछे नहीं पड़ना चाहिए बल्कि अपने रुख पर कायम रहना चाहिए कि कश्मीर का मुद्दा भारत का आंतरिक मसला है। उन्होंने कहा कि ओआइसी का शुरू से यही रुख रहा तो रहने दीजिए इससे क्या फर्क पड़ता है।

मौलाना उमरी ने कहा कि इस बयान का कोई महत्व नहीं क्योंकि किसी के महज बयान देने से कुछ नहीं होता। मोहम्मद अदीब ने कहा कि कश्मीर ने खुद भारत के साथ विलय किया है। उसके साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई। इस पर तो विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित हो चुका है। 

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