Advertisement

सरना धर्म कोड पर आश्‍वासन का झुनझुना पकड़ा गए हेमंत सोरेन

आदिवासियों की अलग पहचान को लेकर सरना धर्म कोड की मांग पर हेमंत सरकार ने फिर निराश किया, वादे का झुनझुना...
सरना धर्म कोड पर आश्‍वासन का झुनझुना पकड़ा गए हेमंत सोरेन

आदिवासियों की अलग पहचान को लेकर सरना धर्म कोड की मांग पर हेमंत सरकार ने फिर निराश किया, वादे का झुनझुना पकड़ा गए। हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस सहित आदिवासी संगठन सरना कोड लागू करने की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है कि जनगणना कॉलम में आदिवासियों के लिए सरना धर्म का उल्‍लेख हो। उनकी दलील है कि यह आदिवासियों की अस्मिता, अलग पहचान से जुड़ा सवाल है। झारखंड सरकार विधानसभा से प्रस्‍ताव पारित कर केंद्र को भेजे ताकि 2021 में होने वाली जनगणना में इसका प्रावधान किया जा सके।

विधानसभा के तीन दिवसीय मानसून सत्र के दौरान आदिवासी संगठन इसकी मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे। पूरे झारखंड में मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया जिसमें चंद लाख लोग शरीक हुए। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्‍ताव पास नहीं होने पर सरना धर्म गुरु बंधन तिग्‍गा ने असंतोष जाहिर किया। आदिवासी विकास परिषद ने हस्‍ताक्षर अभियान चलाया और सरना कोड नहीं मिलने पर अगले चुनाव में वोट के बहिष्‍कार करने का ऐलान किया।

आंदोलन में आदिवासी संस्‍कृति सरना धर्म रक्षा अभियान, सरना प्रार्थना सभा, केंद्रीय सरना समिति, झारखंड आदिवासी संयुक्‍त मोर्चा, आदिवासी छात्र संघ आदिवासी जन परिषद, आदिवासी सेना, आदिवासी संघर्ष मोर्चा सहित अनेक संगठनों ने हिस्‍सा लिया।

इसके पहले राजी पहड़ा सरना प्रार्थना सभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल ज्ञापन सौंप सरना धर्म कोड बिल पारित कर केंद्र को प्रस्‍ताव भेजने एवं धर्मिक जमीन सुरक्षा का अनुरोध किया। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव ने भी इस मसले पर मुख्‍यमंत्री से बात कर आग्रह किया है। झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में शामिल हुए, विधायक बंधु तिर्की कहते हैं कि आदिवासियों के लिए जनगणना में अलग कॉलम नहीं रहने के कारण दूसरे धर्म के कॉलम में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है। उन्‍होंने विधानसभा में भी मांग की कि सरना बिल लाकर विधानसभा से पास करा इसे केंद्र को भेजा जाये। इसी समाज से आने वाले हेमंत सोरेन के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद से आदिवासियों की उम्‍मीद जगी थी।

इधर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि सरकार धर्म कोड, राज्‍य के बड़े वर्ग की मांग रही है। मैं भी इससे सहमत हूं, मगर कैसे पूरा होगा इस पर हम आगे बढ़ेंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले प्रस्‍ताव तैयार कर सदन से पास कराकर केंद्र को भेज दिया जायेगा। हालांकि आदिवासी संगठनों की मांग और प्रदर्शन की तैयारी को देखते हुए सरकार के पास पर्याप्‍त समय था, सरकार ईमानदारी से चाहती तो इससे संबंधित प्रस्‍ताव विधानसभा के इसी सत्र में पास कराया जा सकता था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad