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मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी में गैंगवार की आशंका!

पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की रहस्यमयी तरीके से बागपत जेल में हत्या के बाद प्रदेश में गैंगवार...
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी में गैंगवार की आशंका!

पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की रहस्यमयी तरीके से बागपत जेल में हत्या के बाद प्रदेश में गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। माना जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या का बदला लेने और अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए हत्याओं का सिलसिला फिर शुरू होगा। हालांकि मुन्ना की हत्या के बाद पुलिस ने भी माफिया की गतिविधियों पर नजर गड़ा रखी है।

मुन्ना की जेल में हत्या के बाद अन्य जेलों में बंद माफिया की धड़कनें बढ़ गई हैं। उन्हें जेल में अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। हालांकि आईजी जेल ने अफसरों को अलर्ट कर दिया है और सुरक्षा बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद माफिया खौफ में हैं।

फिलहाल बांदा जेल में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी पिछले कई सालों से जेल में बंद है। मुख्तार लखनऊ, गाजीपुर, आगरा, सीतापुर, उन्नाव समेत तिहाड़ जेल में रह चुके हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से मुख्तार की मुश्किलें बढ़ी हैं और विधानसभा सत्र में भी हिस्सा लेने आने पर भी मुख्तार को पहली बार लखनऊ जेल में नहीं रखा गया।

इसके अलावा वाराणसी सेन्ट्रल जेल में एमएलसी बृजेश सिंह, देवरिया जेल में बाहुबली अतीक अहमद और बरेली सेंट्रल जेल में ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू बंद हैं। सोमवार को इन माफिया की जेलों में सुरक्षा बढ़ाई गई। साथ ही अधिकारियों ने भी जेलों का औचक निरीक्षण किया। अधिकारियों से मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह और बबलू श्रीवास्तव ने अपनी सुरक्षा को लेकर बात भी की।

जब जेलों में जान सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी का क्या होगा

पुलिस-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद प्रदेश में माफिया का वर्चस्व कायम है। अपने खास शूटरों और सिपहसालारों के माध्यम से जेल से ही अपनी गतिविधि संचालित करने में इनको महारथ हासिल है। सूत्रों के मुताबिक जेलों में भी माफिया ऐशो आराम के साथ रहते हैं और नियमों कानूनों को धता बताकर अपनी सत्ता चलाते हैं।

हाल ही में यूपी पुलिस दावे कर रही थी कि अपराधी अब बेल नहीं, जेल मांग रहे हैं और वह अपनी जमानत तुड़वाकर जेल जा रहे हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम होने के बाद अपराधियों को यह खौफ सता रहा है कि वह जेल में भी सुरक्षित नहीं हैं।

यूपी पुलिस के इस दावे पर अब लोग खूब सवालिया निशान लगा रहे हैं कि जब जेलों में ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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