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नहीं रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास का हृदय घात होने से निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे, बुधवार सुबह लारी कार्डियोलॉजी में उन्होंने आखिरी सांसें ली। लम्बे समय से उन्हें शुगर की भी बीमारी थी। अखिलेश दास के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थकों का घर के बाहर हुजूम लगा हुआ है।
नहीं रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अखिलेश दास के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। ट्वीट में कहा गया, 'सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके श्री अखिलेश दास के निधन की खबर से बहुत दुखी हूं। सामाजिक जीवन में उनके सक्रिय योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।'  

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे अखिलेश दास पहली बार साल 1996 में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने। वर्ष 2002 में लगातार दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बने। मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें 2004 में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का ओहदा दिया गया।

वर्ष 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता के बेटे अखिलेश दास गुप्ता ने पांच नवंबर 2014 को मायावती पर राज्यसभा सांसद बनने के लिए सौ करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाकर बसपा छोड़ दी थी। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2014 को खत्म हुआ था। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले उनके भाजपा से जुड़ने की अटकलें थीं। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बीबीडी विश्वविद्यालय के चेयरमैन अखिलेश दास का जन्म 31 मार्च 1961 को लखनऊ में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। अखिलेश दास 1993 में लखनऊ शहर के मेयर रह चुके थे।
बैडमिंटन के खिलाड़ी रह चुके अखिलेश दास भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।

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