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'भगवा आतंकवाद' शब्द इस्तेमाल करके कांग्रेस ने देश को बदनाम किया: अमित शाह

मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में असीमानंद सहित 5 आरोपियों के बरी होने के बाद 'भगवा आतंकवाद' शब्द पर घमासान...
'भगवा आतंकवाद' शब्द इस्तेमाल करके कांग्रेस ने देश को बदनाम किया: अमित शाह

मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में असीमानंद सहित 5 आरोपियों के बरी होने के बाद 'भगवा आतंकवाद' शब्द पर घमासान जारी है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने बेंगलुरू में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने भगवा आतंक को लेकर कांग्रेस पर हमला किया। उन्‍होंने पूछा, 'क्‍या राहुल हिंदू आतंक और भगवा आंतक की व्‍याख्‍या करने के लिए माफी मांगेंगे?'

अमित शाह ने कहा, 'अभी दो दिन पहले हैदराबाद की कोर्ट ने मक्‍का मस्‍जिद ब्‍लास्‍ट में फैसला दिया। इसी ब्‍लास्‍ट को कांग्रेस ने भगवा टेरर, हिंदू टेरर के नाम से दुनिया में कुख्‍यात किया। लोग पकड़े गए उनपर केस चला लेकिन कोर्ट ने कहा, ये लोग निर्दोष हैं।'

शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने भगवा टेरर के नाम पर देश को दुनिया भर में बदनाम किया है। हिंदू आतंक की व्‍याख्‍या की है। आतंक का कोई धर्म नहीं होता। कांग्रेस अब ये कहती है कि इन्‍होंने कभी भगवा आतंक शब्द का प्रयोग नहीं किया, जबकि कांग्रेस के कई नेताओं के बयान रिकॉर्डिंग में हैं।'

अमित शाह ने कहा, 'एक महान हिंदू संस्‍कृति जो लोगों को शांति का संदेश देती है उसको आंतक से जोड़ने का काम कांग्रेस ने किया है। मैं राहुल से पूछना चाहता हूं क्‍या आप माफी मांगना चाहते हो?'

उन्होंने कहा, 'हम सब चुप थे क्‍यों कि कोर्ट में केस चल रहा था। अब कोर्ट ने इन्‍हें निर्दोष घोषित कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर आप लोगों के पास जाएं और बताएं के कैसे कांग्रेस ने फर्जी केस में लोगों को जेल में डाल दिया।'

मक्‍का मस्‍जिद ब्‍लास्‍ट केस

18 मई 2007 को हुए इस धमाके में करीब 9 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 58 लोग घायल हुए थे। पिछले 11 साल में इस मामले में कई तरह के नाटकीय मोड़ आए। कई गवाह अपने बयान से पलटे। जब ये धमाका हुआ तो सबसे पहले इसकी जांच हैदराबाद पुलिस ने की।

पुलिस ने अपनी जांच में किसी मुस्लिम संगठन का नाम नहीं लिया था लेकिन बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई की जांच में हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत का नाम आया, जिसके बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई अधिकारियों ने 68 चश्मदीदों की गवाही दर्ज की थी। इनमें से 54 गवाह अब गवाही से मुकर गए। इस मामले में सोमवार (16 अप्रैल) को NIA की कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने पर्याप्त सबूत ना होने पर असीमानंद समेत सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया.

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