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पालघर लिंचिंग मामले में पांच और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 115 लोगों को हिरासत में लिया गया

महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में पुलिस ने पांच और आरोपियों को  गिरफ्तार किया है। यह जानकारी...
पालघर लिंचिंग मामले में पांच और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 115 लोगों को हिरासत में लिया गया

महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में पुलिस ने पांच और आरोपियों को  गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पालघर पुलिस ने शुक्रवार को दी है। गिरफ्तार पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में अब तक नौ नाबालिगों समेत 115 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

दरअसल, बीते 16 अप्रैल को पालघर के गडचांचल में ग्रामीणों ने दो साधु समेत तीन लोगों को पीट-पीट कर मार दिया था। कथित तौर पर ग्रामिणों ने इस वारदात को अंजाम चोर होने के शक पर दिया था।

इससे पहले 9 नाबालिगों सहित 110 लोगों को किया गया था गिरफ्तार

इससे पहले मामले में कार्रवाई करते हुए 110 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 9 नाबालिग भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए 110 लोगों में से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में, तो नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया था। जिसके बाद 30 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू की एक अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए 101 आरोपियों को 13 मई तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया है।

 

दो पुलिसकर्मी भी निलंबित

इस मामले में 20 अप्रैल को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बयान में कहा कि हमने दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है और मामले की जांच की जिम्मेदारी एडीजी सीआईडी क्राइम अतुल चंद्र कुलकर्णी को सौंपी है। उन्होंने कहा था कि इस मामले में 5 मुख्य आरोपियों के साथ 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उद्धव ने कहा था कि इस पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है।  

16 मई रात 10 बजे की है घटना

इस घटना को 16 मई (गुरुवार) की रात करीब 10 बजे अंजाम दिया गया था। पालघर से सूरत जा रहे तीन लोगों को रास्ते में कुछ लोगों ने रोक लिया और उन्हें गाड़ी से निकाल कर पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी। भीड़ को इन पर चोर होने का शक था। ये तीनों एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। सीएमओ महाराष्ट्र के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में बताया गया था कि घटना में मारे गए तीनों शख्स की पहचान 70 और 35 साल के दो साधु और 30 साल के उनके ड्राइवर के तौर पर की गई है।

चोर होने के शक में पीट-पीटकर मार डाला

स्थानीय लोगों के मुताबिक, कार को ढाबड़ी-खानवेल सड़क पर गडचांचल गांव के पास रोकने के बाद हमला किया गया। उसके बाद कार से बाहर निकालकर हमलावरों ने चोर होने के शक से पत्थर और अन्य वस्तुओं से हमला कर दिया। सभी हमलावरों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध, सशस्त्र दंगा और 188 (आदेश की अवज्ञा) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

बीजेपी ने की थी उच्चस्तरीय जांच की मांग

यह घटना गुरुवार रात की है लेकिन इसका वीडियो रविवार यानी 19 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो के सामने आने के बाद रविवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने "घटना की उच्चस्तरीय जांच" की मांग की थी। उन्होंने कहा था, "सबसे शर्मनाक बात ये है कि पुलिस के सामने भीड़ लोगों को मारती है, पुलिस के हाथ से छीन कर मारती है। कहीं न कहीं महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था लचर हो गई है।"

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी घटना का वीडियो ट्वीट कर लिखा था, "महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया। ये घटना गुरुवार की है। आज तक सारे लिबरल पूरी तरह से खामोश हैं। कोई लोकतंत्र या संविधान की दुहाई नहीं दे रहा।"

अपराधों को महाराष्ट्र सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी- आदित्य ठाकरे

सीएमओ के ट्वीट के बाद शिव सेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने भी सफाई देते हुए ट्वीट किया था कि इस तरह के अपराधों को महाराष्ट्र सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने लिखा था, "पालघर में हुई घटना पर मुख्यमंत्री ने बयान दिया है। मैं खासतौर से राजनीतिक पार्टियों को कहना चाहता हूं कि साधुओं पर हमले के मामले में अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।"

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