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कोरोना वायरस के चलते ईरान में फंसे भारतीयों को लाने के लिए भेजा जाएगा ग्लोबमास्टर विमान

ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर आज देर रात...
कोरोना वायरस के चलते ईरान में फंसे भारतीयों को लाने के लिए भेजा जाएगा ग्लोबमास्टर विमान

ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर आज देर रात भेजा जाएगा। ईरान में भारतीय तीर्थ यात्रियों के अलावा छात्र फंसे हुए हैं। इससे पहले दिन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ईरान में फंसे भारतीयों के परिजनों से मिलने के लिए अनायास कश्मीर पहुंचे। अधिकारी के मुताबिक विदेश मंत्री ने ईरान में फंसे छात्रों और दूसरे लोगों के परिजनों से मुलाकात की।

परिजनों से की मुलाकात

दौरे के दौरान जयशंकर ने यहां डल झील के किनारे स्थित कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में परिजनों से मुलाकात की। अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए लोगों के परिजन, जिनमें केंद्रशासित प्रदेश के छात्र शामिल हैं, ने केंद्र से उन्हें तुरंत ईरान से एयरलिफ्ट करने की मांग की है।

अधिकारी ने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्री डल झील के किनारे बसे पासपोर्ट सेवा केंद्र का भी दौरा करेंगे। इसके साथ ही वह बारामुला के पासपोर्ट सेवा केंद्र भी जाएंगे। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि मंत्री के कश्मीर दौरे का असल मकसद क्या है यह अभी तक पता नहीं चल सका है।

अपने औचक दौरे से पहले क्या बोले थे केंद्रीय मंत्री

दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने रविवार को कहा था कि ईरान से भारतीयों की वापसी के लिए प्रयास चल रहे हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा था कि ईरान को कोम शहर में फंसे भारतीयों की वापसी की कोशिशें जारी हैं। ईरानी प्राधिकारियों के साथ इसको लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान में फंसे भारतीय मछुआरों में भी कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और शशि थरूर को टैग करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था कि ईरान के कोम शहर से भारतीय तीर्थयात्रियों की वापसी को लेकर प्रयास चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वहां गया भारतीय चिकित्सकों के दल ने उनकी स्क्रीनिंग शुरू कर दी है और उसके बाद की तैयारियों के लिए ईरान के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है। यह सर्वोच्च वरीयता में है और भारतीय दूतावास के कर्मचारी लगातार ईरान के अधिकारियों के संपर्क में हैं। कोम शहर में लगभग 40 भारतीय फंसे हैं। भारतीय चिकित्सकों ने वहां एक क्लीनिक भी स्थापित कर दिया है।

ईरान कोरोना वायरस से दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश

गौरतलब है कि चीन के बाहर ईरान कोरोना वायरस से दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। ईरान में अब तक लगभग दो सौ लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और छह हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। ईरान के सभी 31 प्रांतों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। इससे ज्यादा मौते चीन के बाद सिर्फ इटली में हुई है।

कैबिनेट सचिव ने समीक्षा बैठक की

कैबिनेट सचिव ने रविवार को कोरोना वायरस को लेकर 16वीं समीक्षा बैठक की, जिसमें ईरान में फंसे भारतीय तीर्थयात्रियों को वापस लेने की योजना पर भी चर्चा की गई। वहीं, एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन हालात पर नजर रखे हुए हैं और भावी योजनाओं के बारे में लगातार विचार-विमर्श में जुटे हैं। स्वास्थ्य सचिव को राज्यों के संपर्क में रहने और हालात की लगातार समीक्षा करते रहने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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