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हिरासत में पिता-पुत्र की मौत पर मद्रास HC ने कहा, पुलिस के खिलाफ ‘हत्या का केस दर्ज करने के लिए आधार' मौजूद

तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की मौत के आरोप के मामले में एक महत्वपूर्ण...
हिरासत में पिता-पुत्र की मौत पर मद्रास HC ने कहा, पुलिस के खिलाफ ‘हत्या का केस दर्ज करने के लिए आधार' मौजूद

तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की मौत के आरोप के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। मामले पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि उन दोनों की हत्या के आरोप में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने के आधार नजर आ रहे हैं। अदालत ने दोनों मृतकों के शवों के पोस्टमोर्टेम के आधार पर यह बात कही है।

 

बता दें कि हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में दो पुलिस अधिकारियों और एक कांस्टेबल को मामले में तलब किया था। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक सी प्रतापन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी कुमार और पुलिस कांस्टेबल महाजन को आज (मंगलवार) अदालत में पेश होने के लिए कहा था। इस बीच मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने क्राइम ब्रांच-क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CB-CID) के डीएसपी अनिल कुमार को तूतिकोरिन में हिरासत में हुई पिता-पुत्र की मौत के मामले में जांच करने का आदेश दिया है। 

हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की एक रिपोर्ट के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों और कॉन्स्टेबल के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू किया है। इस रिपोर्ट में पुलिस अधीक्षक सी प्रतापन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी कुमार और पुलिस कांस्टेबल महाजन के खिलाफ जांच को बाधित करने की कोशिश का आरोप लगाया गया है। अदालत में जमा मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार, 'कॉन्स्टेबल महाराजन ने कहा, 'आप हमारे खिलाफ कुछ नहीं कर सकते।'

58 वर्षीय जयराज और उनके 31 वर्षीय पुत्र बेनिक्स को 19 जून को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस ने उनकी मोबाइल फोन की दुकान को प्रशासन द्वारा तय समय से 15 मिनट ज्यादा खुला रखने के लिए गिरफ्तार कर लिया था। आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में उनका बुरी तरह से उत्पीड़न किया। 22 जून की शाम पुलिस ने बेनिक्स को अस्पताल में भर्ती कराया और उसके लगभग एक घंटे बाद उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई। उसी रात पुलिस ने जयराज को भी अस्पताल में भर्ती कराया और अगली सुबह उसकी भी मौत हो गई।

पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि उन दोनों ने पुलिसकर्मियों से लड़ाई की थी और गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए सड़क पर लेट कर खुद को घायल कर लिया था। मृतकों के संबंधियों ने पोस्टमोर्टेम के पहले दोनों के शरीरों को देखा था और उनके अनुसार दोनों के शरीरों पर गहरे घाव थे। मामले को लेकर पुलिस के खिलाफ राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन देखते हुए मुख्यमंत्री पलानीसामी ने सीबीआई द्वारा जांच का आदेश दे दिया है।

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