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खनन घोटाला मामले में IAS बी चंद्रकला की बढ़ी मुसीबत, ईडी ने जारी किया समन

पिछले दिनों उत्तर-प्रदेश में खनन घोटाले का मामला सामने आने के बाद आईएएस बी चंद्रकला पर ईडी यानी...
खनन घोटाला मामले में IAS बी चंद्रकला की बढ़ी मुसीबत, ईडी ने जारी किया समन

पिछले दिनों उत्तर-प्रदेश में खनन घोटाले का मामला सामने आने के बाद आईएएस बी चंद्रकला पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी ने शुक्रवार को कथित उत्तर प्रदेश खनन घोटाले के सिलसिले में हमीरपुर की पूर्व जिला मजिस्ट्रेट बी. चंद्रकला तथा अन्य को समन जारी किया है। बता दें कि पिछले दिनों चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई की ये छापेमारी खनन से जुड़े घोटाले की जांच के लिए हुई थी।

चंद्रकला और अन्य को ईडी का समन

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तर-प्रदेश में खनन घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी. चंद्रकला और अन्य को समन जारी किया है। इस मामले में पूछताछ अगले सप्ताह की जाएगी। बताया जा रहा है कि पूछताछ के लिए बी चंद्रकला को 24 जनवरी को बुलाया गया है। उनसे लखनऊ स्थित ईडी के दफ्तर में पूछताछ होगी। समाजवादी पार्टी से एमएलसी रमेश मिश्रा भी इस मामले में आरोपी हैं, जिन्हें ईडी ने नोटिस भेजकर 28 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है।

जानकारी के मुताबिक, ईडी की तरफ से फिलहाल चार आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। ईडी यह जांच यूपी के हमीरपुर वाले मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक ही करेगी। ईडी फिलहाल 11 आरोपियों के खिलाफ इस मामले की पड़ताल कर रही है। 

5 जनवरी को हुई थी बी. चंद्रकला के घर छापेमारी

सीबीआई ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर करीब दो घंटे तक छापेमारी की थी। आईएएस चंद्रकला चंद्रकला बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं। तेलंगाना के करीमनगर जिले की रहने वाली चंद्रकला 2008 की यूपी काडर आईएएस हैं। बुलंदशहर में डीएम रहते उनका 2014 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसने उन्हें सोशल मीडिया की सनसनी बना दिया। उस वीडियो में वह सड़क की खराब गुणवत्ता पर ठेकेदार और इंजीनियर को सरेआम फटकार लगा रहीं थीं।

बी. चंद्रकला पर क्या हैं आरोप?

2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट (सरोजनी नायडू मार्ग) में रहती हैं। सपा सरकार में बी चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में डीएम के पद पर हुई थी। सीबीआई टीम ने उनके आवास पर छापेमारी की। आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मोरंग के खनन के पट्टे किए थे जबकि ई-टेंडर के जरिए मोरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन बी. चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी।

चंद्रकला पर सपा एमएलसी रमेश मिश्रा सहित कुल 10 लोगों के साथ मिलकर अवैध खनन का आरोप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जांच में जुटी सीबीआई ने 5 जनवरी को उनके अलावा अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। एक जनवरी 2019 को उनके खिलाफ सीबीआई के डिप्टी एसपी केपी शर्मा ने खनन मामले में केस दर्ज किया है।

शासन के निर्देश के बाद डीएम भवनाथ ने दो, डीएम संध्या तिवारी ने आठ मोरंग खनन के पट्टों की स्वीकृति दी थी। हमीरपुर जिले में 60 मोरंग खनन के पट्टे गलत ढंग से पास किए गए थे। वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मोरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मोरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे।

इसके अलावा 20 जून 2016 को नवीनीकरण और बाधित अवधि के मोरंग पट्टों के खनन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए निरस्त किए थे। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक मोरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें और याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले की जांच जारी है।

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