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ईडी ने जगनमोहन रेड्डी की तकरीबन 148 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

सीबीआई द्वारा 2004 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में पता चला कि प्रसाद ने जगनमोहन रेड्डी को अलग-अलग कंपनियों में निवेश के रूप में 779.50 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।
ईडी ने जगनमोहन रेड्डी की तकरीबन 148 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

पीटीआई के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाईएसआर कांग्रेस नेता जगनमोहन रेड्डी की संपत्ति कुर्क की है। कुर्क की गई संपत्ति की कीमत 148.89 करोड़ रुपए है। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत प्रोविजनल कुर्की का आदेश जारी किया गया।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर राजशेखर रेड्डी के बेटे जगनमोहन रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने निम्मगाड्डा प्रसाद की कंपनियों को अवैध तरीके से हजारों एकड़ जमीन का फायदा पहुंचाया। यह फायदा तब पहुंचाया गया जब जगनमोहन के पिता राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री हुआ करते थे।

सीबीआई द्वारा 2004 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में पता चला कि प्रसाद ने जगनमोहन रेड्डी को अलग-अलग कंपनियों में निवेश के रूप में 779.50 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।  

कौन हैं जगनमोहन रेड्डी?

- जगनमोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा में 2014 से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की तरफ से विपक्ष के नेता हैं।

- उनके करियर की शुरूआत 2004 में कांग्रेस के लिए प्रचार करने से हुई। 2009 में वे कडापा से कांग्रेस की तरफ से सांसद चुने गए।

- 2004 से उनकी संपत्ति के ब्यौरों में लगातार बढ़त हुई है। 2004 में उन्होंने अपनी संपत्ति 92.4 लाख दिखाई थी, जो 2009 में बढ़कर 77 करोड़ हो गई और 2011 आते-आते 365 करोड़ हो गई।

- 2011 में सीबीआई की रिपोर्ट पर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने जांच का आदेश दिया। सीबीआई ने उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। जगन उच्चतम न्यायालय गए लेकिन न्यायालय ने तीन बार उनकी याचिका खारिज कर दी। 

- बता दें कि इससे पहले ईडी ने मार्च 2014 में उनकी 863 करोड़ की संपत्ति सीज कर दी थी।

 

 

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