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जयपुर के अस्पताल में ड्रग ट्रायल, कई बीमार

जयपुर के एक नामी अस्पताल में कुछ ग्रामीणों पर ड्रग ट्रायल किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिन...
जयपुर के अस्पताल में ड्रग ट्रायल, कई बीमार

जयपुर के एक नामी अस्पताल में कुछ ग्रामीणों पर ड्रग ट्रायल किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिन लोगों को यहां बुलाया गया था उन्हें काम दिलाने का लालच दिया गया था।

दैनिक भास्कर डॉट कॉम की खबर के अनुसार शहर के वीकेआइ इंस्ट्रीयल एरिया में चल रहे मालपाणी हॉस्पिटल में यह ट्रायल चल रहा था। मेडिकल कैंप के नाम पर काम करने अस्पताल में लाए गए इन लोगों को दवा देते ही तबीयत खराब होने पर कुछ लोगों ने दवा लेने से मना कर दिया और मामला अस्पताल से बाहर आ गया।

चुरू और भरतपुर से लाए गए इन लोगों ने कहा कि इनके क्षेत्र के ही लोग इन्हें काम दिलाने के नाम पर यहां लाए और अस्पताल में रुकने के लिए कहा गया। चुरू से 18 अप्रैल को लाए गए इन लोगों को 19 अप्रैल को एक दवा दी गई। लेकिन इसे लेते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। वहीं भरतपुर से चार लोगों को 20 अप्रैल को लाया गया था और उन्हें शनिवार को दवा दी जानी थी।

वहीं अस्पताल में क्लीनिकल ट्रायल कर रहे डॉक्टर ने कहा है लोगों को कौन लाया, यह हमें नहीं पता लेकिन ट्रायल के लिए हमें मंजूरी है और हम ट्रायल करते हैं।

मालपाणी हॉस्पिटल में चुरू के डिगारिया गांव के 21 लोगों को लाया गया था। सांवरमल, कालूराम, मूलाराम, लच्छूराम, सोहनलाल, भागूराम, ओमाराम, बनवारी और भंवराराम ने बताया कि पास के ही पलास गांव का शेरसिंह ने उनसे संपर्क किया था और कहा कि अस्पताल में एक कैंप लगाया जाना है और उसके काम के लिए चलना है। उनसे कहा गया कि एक दिन के 500 रुपये मिलेंगे साथ ही खाने-पीने और रहने का बंदोबस्त भी होगा। केवल कैंप का काम और अन्य सुविधाओं को देखते हुए .ये लोग 18 अप्रैल को यहां आ गए।

इन सभी को 18 को एक वार्ड में रोक दिया गया। 19 अप्रैल सुबह करीब 10 बजे चाय-नाश्ता दिया गया और करीब 11.30 बजे सभी को एक-एक टेबलेट दी गई। सभी से कहा गया कि इस दवा से थकान दूर होगी और खाना आराम से पच जाएगा।

सुमाराम, हरजीराम, छोटूराम, लीछूराम को छोड़ कर सभी ने दवा ले ली। इन लोगों ने यह कह दवा लेने से मना कर दिया कि वे ठीक हैं और उन्होंने कभी कोई दवा ही नहीं ली। लेकिन जिन लोगों ने दवा ली, उन्हें चक्कर, उल्टी, नींद, बेहोशी और पेशाब नहीं आने की स्थिति हो गई।

ऐसा होने पर जब वे डॉक्टर से मिले तो उन्हें कहा गया कि थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा। उन्हें किसी और वजह से परेशानी हो गई होगी।

जिन लोगों ने दवा नहीं ली, वे स्वस्थ थे। लेकिन जब उन पर दवा लेने का दबाव बनाया गया लेकिन वे किसी बहाने अस्पताल से बाहर निकल गए। बाहर उन्होंने अपने साथियों को यह बात बताई और बात बढ़ने पर सभी लोग वहां से निकल गए। 21 में से 11 लोग तो तुरंत गांव चले गए और नौ लोगों ने अपनी परेशानी बताई।

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