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और झारखंड से बैरंग लौटे कांग्रेस प्रभारी उमंग सिंघार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और झारखंड में कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार जरा सी लापरवाही...
और झारखंड से बैरंग लौटे कांग्रेस प्रभारी उमंग सिंघार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और झारखंड में कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार जरा सी लापरवाही के कारण अपनी ही पार्टी के शासन वाले राज्‍य में खुद और पार्टी की फजीहत करा गए। अधूरा टास्‍क छोड़ गुरुवार की रात उन्‍हें वापस दिल्‍ली लौटना पड़ा। यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है। इसके बावजूद कोरोना से जुड़े निर्देशों के अनुपालन में चूक के कारण सिंघार को यात्रा बीच में छोड़ रांची वापस लौटना पड़ा। वैसे उन्‍हें बेरमो भी जाना था। ऑनलाइन आवेदन में जिला प्रशासन ने व्‍यक्ति विशेष के रूप में समझ इन्‍हें अनुमति दी थी। इस बीच मीडिया में खबर फैलने और भाजपा के विरोध के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। कांग्रेस नेताओं को कह दिया गया कि उन्‍हें क्‍वारंटीन में रहना होगा। तब तक वे गिरिडीह के लिए निकल चुके थे। वहां कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्‍य स्‍व नरेंद्र सिंह के परिजनों से मिले। उसके बाद उन्‍हें धनबाद में जिलाअध्‍यक्ष बिजेंद्र सिंह से मिलना था जिनकी पत्‍नी की मौत हो गई थी। उसके बाद बेरमो में राजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलना था। बेरमो से कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह की बीते माह मौत हो गई है। वे गिरिडिह के रास्‍ते में ही थे तब तक प्रशासन की ओर से उनका परमिशन कैंसिल करने का संदेश पहुंच गया। वहां से धनबाद पहुंचने के पहले ही गोविंदपुर में प्रशासन ने उन्‍हें रोक दिया। तब उनके काफिले को वापस लौटना पड़ा और रांची आकर थोड़ी ही देर बाद दिल्‍ली वापस लौट गए।

कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि अनुमति लेने में चूक हुई। तीन जिलों का लेना चाहिए था सिर्फ रांची के लिए अनुमति ली गई थी। यहां विवाद भी थोड़ा बढ़ रहा था और सिंघार बड़े नेता हैं दिल्‍ली में अचानक कुछ काम आ गया तो उन्‍हें बीच में ही वापस लौटना पड़ा।

सिंघार बुधवार को झारखंड के चार दिवसीय दौरे पर रांची आये थे। चर्चा हुई कि सिंघार कांग्रेस में असंतोष को पाटने, मूड भांपने के लिए झारखंड आये हैं। पिछले दिनों राज्‍यसभा सांसद धीरज साहू के नेतृत्‍व में कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष इरफान अंसारी सहित तीन विधायक दिल्‍ली दरबार में यहां सरकार में महत्‍व न मिलने और प्रदेश नेतृत्‍व के खिलाफ शिकायत कर आये थे। खबर यह भी फैली कि आधा दर्जन और विधायक असंतुष्‍टों के साथ हैं। प्रदेश अध्‍यक्ष के खिलाफ एक व्‍यक्ति एक पद का भी मामला है। सिंघार इसी के डैमेज कंट्रोल के लिए यहां आये हैं।

इस बीच विधायकों को संदेश दिया गया कि शुक्रवार को सिंघार वन-टू-वन विधायकों से बात करेंगे। इसके बाद राजनीति तेज हो गई। असंतुष्‍ट खेमा के साथ प्रदेश अध्‍यक्ष के समर्थक भी सक्रिय हो गये। चर्चा यह भी तेजी से उड़ी कि एक व्‍यक्ति एक पद के फार्मूले के तहत कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष पर भी कुछ होना है। प्रदेश अध्‍यक्ष के करीबी सूत्रों के अनुसार यह भनक लगते ही प्रदेश अध्‍यक्ष के लोगों ने भी दिल्‍ली में संपर्क साधा और शुक्रवार की बैठक को अनावश्‍यक करार दिया। और शुक्रवार की बैठक स्‍थगित हो गई। वैसे जाते जाते सिंघार कह गये कि यहां कोई असंतोष नहीं है, सब ठीक चल रहा है। भाजपा की कोई साजिश कामयाब नहीं होने वाली।

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