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छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर, कई जिले चपेट में

छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।  दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बेमेतरा और बालोद के...
छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर, कई जिले चपेट में

छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।  दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बेमेतरा और बालोद के बाद अब रायपुर भी डेंगू की चपेट में आ गया है।  डेंगू का कहर रायपुर के अलावा रायगढ़, बिलासपुर और बस्तर डिवीजन में भी दिखाई दे रहा है। वहीं सरकार का पूरा ध्यान चुनाव पर है।  डेंगू पीड़ित मरीज सरकारी अस्पतालों में धक्के खा रहे है जबकि निजी अस्पतालों में डेंगू के उपचार के लिए डॉक्टरों ने मोटी रकम वसूलना शुरू कर दिया है।  पिछले चौबीस घंटों में रायपुर में डेंगू से ग्रसित तीन मरीजों की मौत हो गई है। भिलाई में पिछले दो महीने से डेंगू फैला हुआ है।  

मरीजों का हाल बेहाल होने पर निजी अस्पताल गंभीर हालत में केस सरकारी अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं ताकि उनके ऊपर कोई जिम्मेदारी न आए। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मरीजों के आंकड़े जारी किए है।  विभाग के मुताबिक राज्य में अब तक 657 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. जबकि कुल संदिग्ध मरीजों की संख्या 1,848 पहुंच गई है।  विभाग के अनुसार लगभग 500 से 700 मरीजों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इन आंकड़ों में रायपुर के 534 मरीज डेंगू से पीड़ित पाए गए है। 

इसके अलावा रायगढ़ जिले में 172 संदिग्ध मरीज मिले हैं जिनमें चार मरीजों को डेंगू की पुष्टि हुई है।  राजनांदगांव में 47 संदिग्ध जिसमें पांच मरीजों को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।  इसके अलावा बस्तर डिवीजन में अब तक माना जा रहा था कि यह इलाका डेंगू रहित है।  लेकिन पिछले तीन दिनों में ही यहां डेंगू के सदिग्ध मरीजों की संख्या 231 तक पहुंच गई. इसमें दो को डेंगू की पुष्टि और 150 से ज्यादा मरीजों की रिपोर्ट अभी तक लंबित बताई जा रही है।

पिछले दिनों दुर्ग और भिलाई में सर्वाधिक डेंगू पीड़ित मरीजों की मौत हुई। सरकारी दस्तावेजों में डेंगू पीड़ित 23 मरीजों की मौत का आंकड़ा दर्ज है, जबकि गैर-सरकारी आंकड़ा 43 के आसपास बताया जा रहा है।  स्वास्थ आयुक्त आर प्रसन्ना ने बताया कि  डेंगू की पुष्टि के लिए राज्य में सात सेंटिनल सर्विलेंस चिकित्सालय (मेडिकल कॉलेज रायपुर, बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़, सरगुजा एवं जिला चिकित्सालय बिलासपुर व कोरबा को) बनाए गए हैं। प्रभावित क्षेत्र में शिविर लगाया गया है जहां पीड़ितों की जांच की जा रही है। डेंगू रैपिड किट डेंगू पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद उक्त मरीज को दी जा रही है। एक जनवरी 18 से 18 अगस्त 18 तक 1556 डेंगू संभावित मरीजों का रक्त सीरम की जांच की गई है। जिसमें कुल 520 डेंगू प्रकरण पाए गए है। 30 जुलाई से 18 अगस्त तक दुर्ग जिला में कुल 668 डेंगू संभावित मरीज के सैंपल रायपुर मेडिकल कॉलेज में भेजे गए। इसमें 470 डेंगू पॉजिटिव, 53 प्रकरणों में डेंगू नेगेटिव और 81 प्रकरणों में की रक्त सीरम जांच प्रगति पर है। स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि डेंगू से केवल सात लोगों की मौत हुई है। 

यह भी बताया जा रहा है कि निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई मौतों को स्वास्थ्य विभाग ने अपने आंकड़े में शामिल नहीं किया है। दुर्ग और भिलाई में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है।  यहां डेंगू के तेजी से फैलने के बावजूद रोकथाम की कोई कोशिश नहीं की गई। इसी कड़ी में अब रायपुर भी शामिल हो गया है। डेंगू का सक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसकी रोकथाम को लेकर कोई भी महकमा सामने नहीं आया है। 

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