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अयोध्या के सरयू तट का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

अयोध्या ने इतिहास में फिर अपना नाम दर्ज कराया है। अयोध्या के सरयू तट पर एक साथ तीन लाख एक हजार 152 दीपों को...
अयोध्या के सरयू तट का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

अयोध्या ने इतिहास में फिर अपना नाम दर्ज कराया है। अयोध्या के सरयू तट पर एक साथ तीन लाख एक हजार 152 दीपों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है।

‘दीपोत्सव-2018’ के चरणबद्ध भव्य कार्यक्रम से त्रेता युग की तस्वीरें लोगों के जेहन में उतर आईं। सरयू तट का नजारा सम्मोहित करने वाला था। दीपोत्सव को खास बनाने के लिए लेजर लाईट शो, नया घाट पर सरयू जी की पूजन, आरती और दीपदान कार्यक्रम हुआ। इसके पहले पुष्पक विमान से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों का आगमन हुआ। उन स्वरूपों के मंच के आने पर उनका राज्याभिषेक कर आरती, पूजन व अभिनन्दन किया गया। इस दौरान हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा का नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत किया गया।

इस खास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जनपद का नाम अयोध्या किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने अयोध्या में निर्मित होने वाले मेडिकल कालेज को अयोध्या की परम्परा के अनुरूप राजा दशरथ के नाम पर और यहां के हवाई अड्डे को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर किए जाने की भी घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए 176 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें पर्यटन विभाग की (‘क्वीन हो’ स्मारक, राम कथा पार्क, राम की पैड़ी), सिंचाई विभाग की (राम की पैड़ी का उच्चीकरण), ऊर्जा विभाग की (आईपीडीएस योजना), नगर विकास विभाग की (अमृत योजना), राजस्व और ग्राम्य विकास, पंचायती राज विभाग की (15 पशु शालाओं और चारागाहों के निर्माण एवं विकास) की योजनाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम के एक वर्ष बाद फिर से एक नए संकल्प और उत्साह के साथ अयोध्या के विकास के लिए हम सभी आए हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के ‘दीपोत्सव’ को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। परिणामस्वरूप दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किमजोंग-सुक के साथ एक विशाल प्रतिनिधिमण्डल यहां के ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम में शामिल हुआ। इससे ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है। सड़कों को बेहतर बनाया जा रहा है। घाटों का सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। खुले बिजली के तारों से अयोध्या को मुक्ति मिली है। सरयू जी में गिरने वाले गन्दे नालों को टैप करने का कार्य नमामि गंगे परियोजना के तहत किया जा रहा है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा धन स्वीकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राम की पैड़ी को हरिद्वार स्थित हरि की पैड़ी का स्वरूप दिया जाएगा। अयोध्या विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। अयोध्या को सात पुरियों के रूप में श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि ‘दीपोत्सव’ के इस वातावरण को देखकर त्रेता युग में भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन के दृश्य को महसूस किया जा सकता है। बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन ने कहा कि श्रीराम के आदर्शों पर चलने और इस दीपोत्सव कार्यक्रम में उनके समय के दृश्य को एक बार फिर से जीवन्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र हैं। दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किमजोंग-सुक ने 2000 वर्ष पूर्व अयोध्या की राजकुमारी के कोरिया जाने और वहां के राजकुमार से विवाह के प्रसंग का स्मरण करते हुए कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के सम्बन्ध प्रेम और विश्वास के रहे हैं। भारत और दक्षिण कोरिया मिलकर विश्व में शान्ति और समृद्धि के सुखद भविष्य का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर दीपों और उसके प्रकाश में सम्पूर्ण विश्व के अंधकार को दूर करने की इच्छा का समावेश है। उन्होंने महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति से प्रभावित होकर अन्याय को पराजित करने की कोरिया की ‘मोमबत्ती क्रान्ति’ का स्मरण किया।

इस दौरान केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, रीता बहुगुणा, दक्षिण कोरिया के पर्यटन और संस्कृति मंत्री डू-जांग-ह्वान, राजदूत आदि उपस्थित थे।

नहीं हो पाई श्रीराम की सबसे ऊंची 201 मीटर मूर्ति की घोषणा

दीपोत्सव पर उम्मीद जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची 201 मीटर मूर्ति बनाने की घोषणा करेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है, लेकिन दीपोत्सव पर श्रीराम की सबसे ऊंची मूर्ति की घोषणा नहीं हो पाई।

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