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साबुन-शैंपू विवाद: लखनऊ में दारापुरी समेत 31 दलित कार्यकर्ता गिरफ्तार

लखनऊ पुलिस ने पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी समेत 31 दलित कार्यकर्ताओं को आज हिरासत में ले लिया। आरोप है कि ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सभा करने जा रहे थे।
साबुन-शैंपू विवाद: लखनऊ में दारापुरी समेत 31 दलित कार्यकर्ता गिरफ्तार

मिली जानकारी के अनुसार, दारापुरी समेत हिरासत में लिए गए दलित कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है। इन्हें यूपी प्रेस क्लब से गिरफ्तार किया गया था। यहां वे गुजरात से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 125 किलोग्राम साबुन से बनी मूर्ति भेंट करने आ रहेे दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे।

यह मामला मई में योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर दौरे से जुड़ा है, जहां मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले अधिकारियों ने दलित परिवारों को साबुन और शैंपू के पाउच बांटे थे। तब भी इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इस घटना का विरोध करते हुए गुजरात से 45 दलित कार्यकर्ताअाेें का जत्था 125 किलोग्राम साबुन से बनी गौतम बुद्ध की प्रतिमा योगी आदित्यनाथ को भेंट करने के लिए साबरमती एक्सप्रेस से लखनऊ आ रहा था। रविवार को पुलिस ने इन्हें झांसी रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लेकर वापस भेज दिया था।

इस कार्रवाई के विरोध में सोमवार को दलित कार्यकर्ता राम कुमार द्वारा एक प्रेस कांफ्रेेंस बुुुुलाई, जिसे पूर्व आईपीएस अधिकारी और दलित अधिकारों के समर्थक एसआर दारापुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश दीक्षित और कुलदीप बौद्ध सम्बोथित करने वाले थे। यह सभा लखनऊ प्रेस क्लब, जो कि लखनऊ जिलाधिकारी आवास के पास स्थित है, में आयोजित की गई थी। परन्तु, पूर्व नियोजित कार्यक्रम से पहले ही उन्हें कैसरबाग पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें लखनऊ पुलिस लाइन्स ले जाया गया और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए।

लखनऊ वेस्ट के एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने पीटीआई को बताया कि दारापुरी और सात अन्य लोगों को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे बिना अनुमति सार्वजनिक स्थान पर रैली निकालने का प्रयास कर रहे थे। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

उधर, दारापुरी का कहना है कि वे लोग यूपी प्रेस क्लब में दलित उत्पीड़न के मुद्देे पर एक सेमिनार में शामिल होने के लिए एकत्रित हुए थे। इसके बावजूद कार्यक्रम आयोजित करने के रोका गया, जबकि वे सड़क पर प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। दारापुरी ने आरोप लगाया कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी और विरोध जताने के बुनियादी अधिकार का हनन किया गया है। उन सहित 8 लाेेगों के अलावा नेहरू युवा केंद्र से 23 प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया था। ये लोग हाल में हुई दलित उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

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