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सभी धर्मों और जातियों को साथ लिए बिना नहीं चल सकती देश की अर्थव्यवस्था: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला करते हुए कहा, 'हर किसी को, हर...
सभी धर्मों और जातियों को साथ लिए बिना नहीं चल सकती देश की अर्थव्यवस्था: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला करते हुए कहा, 'हर किसी को, हर धर्म, हर जाति, आदिवासी, दलित, या पिछड़ों को साथ लिए बिना, देश की अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती।'

राहुल गांधी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्धघाटन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा' 'जब तक इस देश के सभी लोगों को जोड़ा नहीं जाएगा और सभी की आवाज विधानसभा में, लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक न तो बेरोजगारी के बारे में कुछ किया जा सकता है और न ही अर्थव्यवस्था के बारे में।' उन्होंने कहा, 'विविधता में एकता हमारी ताकत है और सभी को जोड़ने से ही देश की ताकत बढ़ेगी। भाई को भाई से लड़ाने से देश का विकास नहीं हो सकता है।'

'देश को किसान और आदिवासी चलाते हैं'

राहुल ने मौजूदा आर्थिक स्थिति और कुछ चुनिंदा लोगों को दी गई राहत के बारे में भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'इस अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी चलाते हैं। अगर पूरा पैसा 10-15 लोगों के हवाले कर दिया जाएगा, नोटबंदी की जाएगी, गलत जीएसटी लागू होगा तो देश में रोजगार पैदा हो ही नहीं सकता, अर्थव्यवस्था चल ही नहीं सकती।'

'तोड़ने से कुछ नहीं बनाया जा सकता'

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की  सराहना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'यहां किसानों, युवाओं, आदिवासियों, महिलाओं की बात सुनी जा रही है और प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं। सभी मिलकर इस प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं। इसका फर्क नजर आता है, यहां हिंसा कम हुई, यहां की अर्थव्यवस्था अन्य राज्यों से आगे निकल रही है। यह अंतर नजर आता है, क्योंकि तोड़ने से कुछ नहीं बनाया जा सकता, भाई को भाई से लड़ाकर देश का फायदा नहीं हो सकता।'

आदिवासी महोत्सव अनेकता में एकता का प्रतीक

महोत्सव को विविधता में एकता का प्रतीक बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'यहां देश भर के अलग-अलग हिस्से से आदिवासी आए हैं। वे यहां अपनी संस्कृति और कला का प्रदर्शन करेंगे, अनेकता में एकता दिखेगी और पता चलेगा कि अनेकता से ही एकता बनती है।'

राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में शुक्रवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव शुरू हुआ, जिसमें 25 राज्यों के आदिवासी भाग लेंगे। महोत्सव में बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार भी भाग ले रहे हैं।

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