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पुलिस ने शरजील इमाम के घर पर मारा छापा, मणिपुर, अरुणाचल में भी FIR दर्ज

असम को देश के बाकी हिस्सों से काटने के भड़काऊ बयान के बाद जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम पर लगातार...
पुलिस ने शरजील इमाम के घर पर मारा छापा, मणिपुर, अरुणाचल में भी FIR दर्ज

असम को देश के बाकी हिस्सों से काटने के भड़काऊ बयान के बाद जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली और असम के बाद शरजील इमाम पर अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है। उधर, बिहार के जहानाबाद में पुलिस ने शरजील इमाम के घर पर छापेमारी की है। हालांकि इस कार्रवाई  शरजील का कोई पता नहीं मिल पाया है लेकिन पुलिस उनके दो रिश्तेदरों और एक कार चालक को हिरासत में लिया है।

रिश्तेदारों को हिरासत में लिया

जहानाबाद के एसपी मनीष का कहना है कि स्थानीय पुलिस दिल्ली से आई टीम की सहायता कर रही है। रविवार को इमाम के गांव में भी उसकी तलाश की गई। इमाम के तीन रिश्तेदारों को करीब चार घंटे तक हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश देव ने कहा, बिहार का स्थायी निवासी और जेएनयू का पूर्व छात्र शरजील इमाम सीएए और एनआरसी के विरोध में बेहद भड़काऊ भाषण देता रहा है। उसने 13 दिसंबर को जामिया में इस तरह का एक भाषण दिया था और फिर सरकार के खिलाफ एक के बाद एक भड़काऊ भाषण दिए, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।

एएमयू में भी दिया था भाषण

शरजील आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साईंस में ग्रेजुएट है। फिलहाल जेएनयू में सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडी में रिसर्च कर रहे हैं। इनके पिता अकबर इमाम एक बार जदयू से विधान सभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि वे आरजेडी के सच्चिदानंद यादव से हार गए थे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में 16 जनवरी को दिए भाषण के लिए इमाम के खिलाफ शनिवार (25 जनवरी) को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस ने भी उसके भाषण को लेकर उसके खिलाफ उग्रवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है।

वीडियो में दिया था ये भाषण

वायरल वीडियो में इमाम असम और नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से अलग करने की बात कहते हुए नजर आ रहा है। वह कह रहा है कि अगर हमारे पास संगठित लोग हों तो हम हिंदुस्तान और नॉर्थ-ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं। अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है। वह लोगों से फिर यह भी कह रहा है कि रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको इसे हटाने में एक महीना लगे।




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