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किसानों का साथ छोड़ आढ़तियों का साथ दे रहे हैं कैप्टन अमरिंदर, 40 हजार करोड़ और राजनीतिक मजबूरी का खेल!

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन का दम भरने वाले पंजाब के...
किसानों का साथ छोड़ आढ़तियों का साथ दे रहे हैं कैप्टन अमरिंदर, 40 हजार करोड़ और राजनीतिक मजबूरी का खेल!

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन का दम भरने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह पलटी मार कर आढ़तियों के पाले मेंं आ गए हैं। केंद्र द्वारा एक अप्रैल से गेहूं खरीद का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किए जाने के विरोध में कैप्टन अमरिदंर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख किसानों को सीधे भुगतान को फिलहाल रोके जाने की वकालत की है। केंद्र एक ओर जहां किसानों को सूदखोर साहूकार आढ़तियों के चंगुल से निकालने के लिए फसलों के सीधा भुगतान करना चाहता है वहीं सरकार इन आढ़तिया लॉबी के दबाव में केंद्र के इस किसान कल्याणकारी फैसले को रुकवाने पर लगी है। किसानों को सीधे भुगतान का विरोध करने वाले केप्टन अमरिंदर सिंह का तर्क हैं कि किसानों और आढ़तियों का 100 साल से भी पुराना लेन देन का रिश्ता है। दुख तकलीफ की इमरजेंसी में किसान के साथ चौबीसों घंटे आढ़ती ही खड़ें रहते हैं कोई बैंक या कोई और वित्तीय संस्थान नहीं।

दरअसल पंजाब में करीब 50,000 आढ़तियों के दो गुटों में से एक पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कालरा कांग्रेस से जुडे हैं और पंजाब मंडी बोर्ड के वाइस चेयरमैन भी हैं वहीं दूसरे गुट के आढ़ती नेता रविंदर चीमा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में हैं और वे भी शिअद-भाजपा की गठबंधन सरकार के वक्त पंजाब मंडी बोर्ड के वाइस चेयरमैन रहे हैं।

कांग्रेस व शिअद दोनों में ही आढ़तियों को अच्छा खासा दखल होने की वजह से पंजाब में किसानों को फसलों का सीधे बैंक खाते में भुगतान सिरे नहीं चढ़ने दिया। किसान आंदोलन में खुद को किसानों का सबसे बड़ा समर्थक बता स्थानीय निकाय चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए केंद्र ने किसानों को सीधे भुगतान का फैसला कर कांग्रेस का असली चेहरा किसानों के सामने लाने की कोशिश की है ताकि किसानों में स्पष्ट संदेश जाए कि वह किसानों के साथ या आढ़तियों के। पड़ोसी राज्य हरियाणा में 2020 की रबी व खरीफ फसलों की खरीद से ही किसानों को बैंक खातों में सीधे भुगतान शुरु किया है और इसी तर्ज पर पंजाब में भी एक अप्रैल से इसे दौहराया जाना है।

सीधे बैंक खाते में भुगतान से जहां किसानों में खुशी है वहीं सरकार के रवैये को देखते हुए राेष भी है। भारतीय किसान यूनियन उगरांह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगरांह का कहना है कि कोई भी सियासी पार्टी किसानों के समर्थन में नहीं है,उन्हें केवल अपना वोट बैंक इनमें दिखता है पर किसानों को सीधे भुगतान का विरोध करने वाले कैप्टन अमरिदंर को वोट के साथ आढ़तियों का नोट बैंक भी दिखता है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता आम आदमी पार्टी के हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि किसानाें के साथ खड़े होने का दम भरने वाले कैप्टन अमरिंदर का असली चेहरा सामने आ गया है कि वह किसानों के साथ नहीं बल्कि आढ़तियों के साथ खड़े हैं। पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा के मुताबिक किसानों को सीधे भुगतान से आढ़तियों का किसानों की ओर करीब 40,000 करोड़ रुपए कर्ज अटक जाएगा। आढ़तियों के जरिए होने वाले भुगतान की चलते ही आढ़ती किसानों से साल में दो बार आने वाली फसलों से ही अपने कर्ज की वसूली करते हैं।

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