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उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार, 4 आरोपी बरी

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया...
उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार, 4 आरोपी बरी

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया। इस मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत कुल 11 आरोपी थे, जिनमें से 4 बरी किए गए हैं। बाकी 7 को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत का दोषी माना है। सजा का ऐलान 12 मार्च को किया जाएगा। धारा 304 और 120-बी में कुलदीप सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

 

मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता के पिता को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि मौत हो गई। मृतक के शरीर पर 18 जख्म थे। इस मामले में आरोपी कॉन्स्टेबल अमीर खान को कोर्ट ने बरी कर दिया है। आरोपी शरदवीर सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, टिंकू सिंह और सोन को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।

जानें कौन हुआ दोषी करार

पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, कामता प्रसाद (सब इंस्पेक्टर), अशोक सिंह भदौरिया (एसएचओ), विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह और जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को इस मामले में दोषी करार दिया गया है।

कौन हुआ बरी

शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, अमीर खान कॉन्स्टेबल और शरदवीर सिंह को इस गैंगरेप पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में बरी कर दिया गया है।

पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत

इससे पहले 29 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत मामले में फैसला सुनाने के लिए कोर्ट ने 4 मार्च तक तारीख टाल दी थी। मिली जानकारी के मुताबिक, तीस हजारी कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा अब बुधवार की सुबह 11:30 बजे इस मामले में फैसला सुनाएंगे।

सेंगर पर आरोप है कि पहले पीड़िता के पिता को गिरफ्तार करवाया फिर उसकी हत्या

बता दें कि पुलिस हिरासत में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत का मामला 9 अप्रैल, 2018 का है। परिवार ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह ने रसूख के बल पर उसके पिता को पहले गिरफ्तार करवाया फिर हत्या करवा दी।

नालाबिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, अगर इस मामले में भी सजा मिली तो उनके लिए जमानत मिलना मुश्किल होगा।

उम्रकैद की सजा काट रहा है कुलदीर सेंगर

बता दें कि उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक रहते कुलदीप सेंगर पर गांव में ही रहने वाली युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मुकदमे की जांच सीबीआई ने की और हाईकोर्ट से मुकदमा दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर होने के बाद वहीं सुनवाई हुई थी। कुलदीप सेंगर के दोषी साबित होने पर 20 दिसंबर 2019 को न्यायाधीश ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ ही पीड़िता को 25 लाख रुपये देने का आदेश दिया था। 4 जून, 2017 को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की ने भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

मिली जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआी) ने केस को पुख्ता करने के लिए कुल 55 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए हैं, इनमें पीड़िता के चाचा, मां, बहन के साथ पिता के सहकर्मी भी शामिल हैं।

समाप्त कर दी गई है सेंगर की विधानसभा की सदस्यता

उन्नाव में किशोरी से दुष्कर्म में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलदीप सेंगर की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। अपर जिलाधिकारी ने बताया था कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर उपचुनाव की तारीख दी जाएगी।

सजा होने के बाद ही तय हो गया था समाप्त की जाएगी विधानसभा की सदस्यता

उम्रकैद की सजा होने के बाद ही तय हो गया था कि उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त होगी। एडीएम राकेश कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया था कि जारी अधिसूचना के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। सजा होने की तिथि से सीट रिक्त मानी जाएगी। तय समय सीमा में बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र के लिए उप चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।

2015-16 में सपा से भगवंतनगर से विधायक थे सेंगर

वर्ष 2015-16 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान कुलदीप सेंगर सपा से भगवंतनगर से विधायक थे। उन्होंने पार्टी से बगावत कर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतारा था। सत्ता दल से विरोध लेने के बाद भी उन्होंने अपने भाई मनोज सेंगर के साथ मिलकर ऐसी मोर्चेबंदी की थी कि सत्ता दल समर्थित प्रत्याशी ज्योति रावत को हार का सामना करना पड़ा था।

 

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