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रिहा होते ही बोले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, अपने लोगों से कहूंगा 2019 में वो BJP को सत्ता से उखाड़ फेंके

सहारनपुर में 2017 में हुए जातीय दंगों के आरोप में जेल की सजा काट रहे भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद...
रिहा होते ही बोले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, अपने लोगों से कहूंगा 2019 में वो BJP को सत्ता से उखाड़ फेंके

सहारनपुर में 2017 में हुए जातीय दंगों के आरोप में जेल की सजा काट रहे भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को गुरुवार देर रात रिहाई मिल गई। जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रावण को देर रात पौने तीन बजे जेल से रिहा कर दिया।

2019 में बीजेपी को हराएंगें

जेल से बाहर आते ही रावण ने सीधे भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अभी तो लड़ाई शुरू हुई है। अब इस सरकार से सीधे लड़ाई लड़ी जाएगी। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उसने कहा,  'मैं अपने लोगों से 2019 में बीजेपी को सत्‍ता से उखाड़ फेंकने के लिए कहूंगा।' उसने कहा 'सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डर गई थी, इसलिए मेरी रिहाई के ओदश जल्‍दी देकर वह खुद को बचा रही है।' साथ ही, 'रावण' ने ये भी कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि वे 10 दिनों के भीतर मेरे खिलाफ कुछ आरोप लगाएंगे।

यूपी सरकार ने दिए थे रिहाई के आदेश

इससे पहले गुरुवार देर शाम यूपी शासन रावण की रिहाई के आदेश जारी किए थे। पहले प्रशासनिक अधिकारी रावण की रिहाई को लेकर असमंजस की स्थिति में थे, लेकिन सहारनपुर जिला जेल के बाहर भीम आर्मी के हजारों कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए, जिसके बाद बैकफुट पर आए प्रशासन को देर रात ही रावण को रिहा करना पड़ा।

 

रिहाई के लिए मां ने की थी अपील

 

जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने इस मामले में सोनू, सुधीर, विलास को पहले ही रिहा कर दिया था। सरकार ने चंद्रशोखर की मां की अपील पर विचार करते हुए उनके समयपूर्व रिहाई का फैसला लिया है। सरकार ने चंद्रशेखर के साथ दो अन्‍य आरोपियों सोनू शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है।

2017 में हुई थी गिरफ्तारी

सहारनपुर में पिछले वर्ष सिलसिलेवार जातीय संघर्षों में चार लोगों की मौत हो गई थी। शब्बीरपुर हिंसा के बाद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई थी। पिछले 15 महीनों से सहारनपुर जेल में रावण सजा काट रहा था। कुछ दिन पहले ही रावण की मां ने प्रदेश सरकार से उसकी रिहाई की गुहार लगाई थी, जिसके बाद गुरुवार को ही प्रदेश सरकार ने रावण की रिहाई के आदेश जारी किए थे।

रिहाई के लिए दिल्ली में हुई थी रैली

चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग को लेकर 19 अगस्त को भीम आर्मी द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन किया था। भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रत्न सिंह ने एक बातचीत के दौरान कहा था कि उन्होंने इस रैली के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद की रिहाई और उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले हटाने की मांग की थी।

उन्होंने आरोप लगाया था कि दलितों और जातीय भेदभाव से संबंधित मुद्दों पर अंकुश लगाने में सरकार के विफल रहने से गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है।

 

 

 

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